उर्दू अदब को बड़ा झटका: ग़ालिब इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर सैय्यद रज़ा का इन्तिक़ाल
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उर्दू अदब को बड़ा झटका: ग़ालिब इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉक्टर सैय्यद रज़ा का इन्तिक़ाल

सैय्यद रज़ा हैदर की तदफीन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कब्रिस्तान में होगी. सैय्यद रज़ा ने ग़ालिब इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर रहते हुए लगातार उर्दू अदब को आगे बढ़ाने का काम किया है.

फाइल फोटो

दिल्ली: कोरोना के चलते उर्दू अदब को बड़ा झटका लगा है. ग़ालिब इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर डॉ सैयद रजा हैदर का कोरोना की वजह से इंतकाल हो गया है. सैयद रजा हैदर का इंतकाल एएमयू के जे एन मेडिकल कॉलेज में हुआ. रज़ा हैदर कई दिनों से कोरोना से बीमार थे और उनका इलाज किया जा रहा था.

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सैय्यद रज़ा हैदर की तदफीन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कब्रिस्तान में होगी. सैय्यद रज़ा ने ग़ालिब इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर रहते हुए लगातार उर्दू अदब को आगे बढ़ाने का काम किया है. उर्दू अदब के लिए सैय्यद रजा हैदर की खिदमात को कभी भुलाया नहीं जा सकेगा. उनके इंतेकाल की खबर के बाद से उर्दू अदब के हलकों में ग़म की लहर दौड़ गयी है.

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सैय्यद रज़ा हैदर बिहार के जहानाबाद के रहने वाले थे और दिल्ली यूनिवर्सिटी से उन्होंने तालीम हासिल की थी. सैयद रज़ा ने कई किताबें लिखीं जो बड़ी मकबूल हुई. इनमें उर्दू शायरी में "तसव्वुफ़" और "रूहानी इक़दार", "मुंसिफ", "साद अज़ीम आबादी हयात व ख़िदमात" और "मरतब" जैसी अहम किताबें भी शामिल हैं. सैयद हैदर रज़ा का यूं अचानक चले जाना उनके चाहने वालों के लिए बड़ा सदमा है.

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बता दें कि कोरोना वायरस ने देशभर में एक बार फिर से तबाही मचानी शुरु कर दी है. हेल्थ मिनिस्ट्री की जानिब से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछले 124 घंटों में 3 लाख 46 हज़ार से ज्यादा नए मरीज़ सामने आए. इसके अलावा 2624 लोगों को मौत हुई है. 

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