बिहार से एक मामला सामने आया है जहां एक अधिकारी ने ऐसा पोस्ट कर दिया जिसको लेकर पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर दिया है. तरीर के मुताबिक अफसर ने मुस्लिम समाज को ठेस पहुंचाने वाला पोस्ट किया था जिस से दंगे भड़क सकते थे.
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नई दिल्ली: देश में नुपूर शर्मा के बयान के लेकर विवाद अब रुक गया है. उनके बयान के खिलाफ 10 मई को देश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. जिसमें पुलिस ने सख्ती से एक्शन लिया था और कई लोगों को गिरफ्तार किया था. अब एक मामला बिहार से सामने आया है, जहां एक व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए नफरत फैला रहे एक शख्स के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज किया है.
आपको बता दें जो व्यक्ति व्हाट्सएप के ज़रिए नफरत फैलाने का काम कर रहा था उसका नाम आलोक है. आलोक बिहार प्रशासनिक सेवा मे पदाधिकारी है और वर्तमान में निर्वाचन विभाग, पटना में उपसचिव के पद पर है. आरोप है कि आरोपी मुस्लिम ने समाज के खिलाफ पोस्ट के ज़रिए नफरत फैलाने का काम किया है. आलोक ने व्हाट्सएप ग्रुप पर एक आपत्तिजन पोस्ट किया जिसको लेकर पुलिस ने यह मामला दर्ज किया है. आपको बता दें आरोपी आलोक झारखंड का रहने वाला है.
आलोक ने व्हाट्सएप ग्रुप पर एक तस्वीर शेयर की जिसमें एक बूढ़ा मुस्लिम शख्स एक छोटी बच्ची को ले जाता दिखाई दे रहा है. रास्ते में उस बूढ़े शख्स से एक इंसान पूछता है कि यह लड़की आपकी पोती है? जिस पर वह बूढ़ा उसे धक्का देता है और गुस्से से कहता है कि यह मेरी बीवी है.
शिकायत कर्ता ने अपनी तहरीर में कहा है कि इस पोस्ट से मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है और लिखा है कि इस तरह के पोस्ट से संप्राायिक सैहाद्र बिगड़ने, डर और दंगा फैलने की पूरी संभावना है. आलोक के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. आरोपी पर आईपीसी की धारा 153A में केस दर्ज हुआ है.
गैरतलब हो कि झारखंड में नुपूर शर्मा के बयान के खिलाफ 10 मई को हिंसक प्रदर्शन हुआ था. जिसमें 2 लोगों की जान भी गई थी. नुपूर शर्मा ने पैगम्बर मोहम्मद और आयशा (रजि) की शादी को लेकर बयान दिया था. जिसको लेकर पूरे देश में हिंसक प्रदर्शन हुए थे.