ईद-उल-अजहा को लेकर जमीयत ने की दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मुलाकात, मिला ये आश्वासन
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ईद-उल-अजहा को लेकर जमीयत ने की दिल्ली पुलिस कमिश्नर से मुलाकात, मिला ये आश्वासन

जमीयत के वफद ने कहा कि ईद-उल-अजहा मुसलमानों की अहम इबादत है, इसलिए कुर्बानी के जानवरों को खरीदने, बेचने और यातायात के अमल को महफूज़ बनाया जाए और कुर्बानी की प्रक्रिया में किसी तरह की कोई रुकावट ना खड़ी की जाए.

 

Jamiat Ulema e Hind Chief Mahmood Madani, File Photo

नई दिल्ली/शोएब रज़ा: जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कौमी सदर मौलाना महमूद असद मदनी की हिदायत पर जमीयत के एक वफद ने आज कमिश्नर ऑफ दिल्ली पुलिस बालाजी श्रीवास्तव से नई दिल्ली में नए पुलिस दफ्तर में मुलाकात की और खास तौर से ईद-उल-अजहा और कुर्बानी को पुर अमल तरीके से खत्म कराने को लेकर बातचीत की. इस वफद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुउद्दीन कासमी, मौलाना नियाज अहमद फारूकी और मौलाना अज़ीमुल्लाह सिद्दीक़ी शामिल थे.

जमीयत के वफद ने पुलिस आजकमिश्नर को बताया कि कुर्बानी और ईद-उल-अजहा की नमाज मुसलमानों की अहम इबादत है. जहां तक कुर्बानी का सवाल है तो वह माली ऐतबार से मज़बूद हर मुसलमान पर ज़रूरी है और वक्त के अंदर इसका कोई विकल्प नहीं है, इसलिए यह अहम है कि कुर्बानी के जानवरों को खरीदने, बेचने और लाने-ले जाने के अमल को सुरक्षित बनाया जाए और कुर्बानी की प्रक्रिया में किसी प्रकार की बाधा न उत्पन्न की जाए. साथ ही ऐसे शरारती तत्वो को बाबू में किया जाए, जो जनता के बीच अफवाह फैलाते हैं. विशेषकर दिल्ली के संवेदनशील इलाकों में हिफाज़त के खास इंतज़ाम किए जाएं और सांप्रदायिक तत्वों की साजिशों को नाकाम किया जाए.

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मौलाना नियाज अहमद फारूकी ने दिल्ली पुलिस आजकमिश्नर को बताया कि उत्तमनगर समेत दिल्ली कई इलाकों में पुलिस अधिकारियों की तरफ से मस्जिद में नमाज न पढ़ने से सम्बंधित माइक पर ऐलान करने की खबरें प्राप्त हुई हैं. इसी तरह बवाना में जानवर उठा ले जाने की शिकायत आई है. इसके कारण लोगों में गलतफहमी और भ्रम फैल रहा है. हालांकि पुलिस की तरफ से इस तरह की कार्रवाई की कोई ज़रूरत नहीं है. पुलिस की यह जिम्मेदारी है कि वह पुर अमन तरीके से इस त्योहार को खत्म कराए.

कोविड-19 की सावधानियों को लेकर सामुदायिक स्तर पर जमीयत उलेमा-ए-हिंद और दूसरी तंज़ीमों की कोशिशों से काफी जागरूकता बढ़ी है. जमीयत उलेमा-ए-हिंद सभी मुसलमानों से लगातार यह अपील करती रही है कि जिन पर कुर्बानी वाजिब (ज़रूरी) हो, वह जरूर करें. अलबत्ता पाबंदी वाले जानवरों की कुर्बानी से परहेज करें और सफाई का पूरा ध्यान रखें. सार्वजनिक जगहों पर मांस, हड्डियों, गंदगी को डालने से बचें और जानवरों को खरीदने, बेचने और परिवहन में कानून पर पूरी तरह से अमल करें. साथ ही मास्क और सामाजिक दूरी आदि जैसी सभी शर्तों का पूरा पालन करें। जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने सोशल मीडिया और मस्जिदों के इमामों के माध्यम से इन संदेशों को प्रचारित किया है और पिछले अनुभवों से साबित हुआ है कि अधिकांश मुसलमान इसका पालन करते हैं.

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मिला ये आश्वासन 
प्रतिनिधिमंडल को सुनने के बाद दिल्ली पुलिस आयुक्त ने आश्वासन दिया कि दिल्ली पुलिस ईद-उल-अजहा के शांतिपूर्ण आयोजन में हर मुमकिन सहयोग करेगी और मूल इबादत के आयोजन में किसी भी तरह की रुकावट नहीं आने देगी.

उन्होंने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के शानदार इतिहास और देशभक्ति की प्रशंसा की और इस अवसर पर संवेदनशील इसाकों के संयुक्त पुलिस आयुक्तों को बैठक में तलब किया और वफद की तरफ से पेश की गई आशंकाओं से उन्हें बाखबर कराया. उन्होंने सभी संयुक्त पुलिस आयुक्तों को यह यकीनी बनाने के निर्देश दिए कि मुसलमानों की मूल इबादत में कोई बाधा या रुकावट नहीं पैदा होगी और संवेदनशील इलाकों में खास तौर पर निगाह रखी जाएगी. इस अवसर पर जो संयुक्त पुलिस आयुक्त मौजूद रहे, उनमें सेंट्रल रेंज के संयुक्त सीपी नरेंद्र सिंह बुंदेला, वेस्टर्न रेंज के संयुक्त सीपी ब्रजकिशोर सिंह, नार्दर्न रेंज के संयुक्त आयुक्त सुरिंदर यादव, साउथ रेंज के संयुक्त आयुक्त देवेश श्रीवास्तव  और नार्थ ईस्ट रेंज के संयुक्त आयुक्त सागर प्रीत हुड्डा शामिल थे.

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