कभी मांगती थी रेलवे स्टेशन पर भीख, अब ये काम करके लड़कियों के लिए बनीं मिसाल
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कभी मांगती थी रेलवे स्टेशन पर भीख, अब ये काम करके लड़कियों के लिए बनीं मिसाल

Inspiring Story: ज्योति को एक कंपनी में कैफेटेरिया चलाने का काम मिल गया. आज ज्योति अकेले ही कैफेटेरिया चलाती हैं.

अलामती तस्वीर

पटना: जिंदगी में कामयाबी पाने के लिए अगर हौसला और जुनून के साथ काम किया जाए तो ये नामुम्किन नहीं. पटना की ज्योति ने ऐसा ही कुछ कर दिखाया है. बिहार के पटना रेलवे स्टेशन पर भीख मांगने वाली ज्योति आज अपना खुद का कैफे चलाती हैं. वह लड़कियों के लिए मिसाल बन गईं हैं.

ज्योति बचपन में पटना रेलवे स्टेशन पर भीख मांगती थीं. लेकिन, लक्ष्य पाने के जुनून और आत्मविश्वास से न केवल उसने तालीम हासिल की बल्कि आज पटना शहर में कैफेटेरिया चलाती हैं. आत्मविश्वास से लबरेज ज्योति अब लड़कियों की जिंदगी को रोशनी दिखा रही हैं.

19 साल की ज्योति को यह भी नहीं मालूम कि उसके माता, पिता कौन हैं. वह बताती है कि वह ''पटना रेलवे स्टेशन पर लावारिस एक भीख मांगने वाले दंपती को मिली थी. जब कुछ होश संभाला तो उनके साथ ही लोगों के सामने हाथ फैलाने लगी. जिस दिन कुछ कम मिलता तब कचरा चुनने में लग जाती.''

ज्योति की जिंदगी ऐसी ही आगे बढ़ ही रही थी, लेकिन पढ़ने की लालसा मन में जरुर थी. बचपन बिना पढ़े गुजर गया, लेकिन पढ़ने की लालसा ज्योति में कम नहीं हुई.

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ज्योति बताती हैं कि इसी दौरान उसके ऊपर से अभिभावकों का साया भी उठ गया. जिस मां ने उसे पाला था, उनकी मौत हो गई. ज्योति को एक बार फिर से जिंदगी में अंधेरा दिखने लगा, लेकिन उसने हौसला नहीं छोड़ा. जीवट व्यक्तित्व वाली ज्योति अभी जीवन में आगे बढ़ने के सपने बुन ही रही थी कि पटना जिला प्रशासन ने ज्योति का जिम्मा स्वयंसेवी संस्था को दे दी.

ज्योति के इस फाउंडेशन से जुड़ने के बाद उसके सभी सपनों को मानो पंख लग गए. ज्योति ने पढ़ाई शुरू की और फिर मैट्रिक परीक्षा भी अच्छे नंबरों से पास की. इसके बाद उपेंद्र महारथी संस्थान में मधुबनी पेंटिंग का प्रशिक्षण भी मिल गया और पेंटिंग करना सीख गई.

ज्योति को इस काम से संतुष्टि नही हुई. इसी बीच उसकी कर्मठता और जुनून से प्रभावित होकर एक कंपनी में कैफेटेरिया चलाने का काम मिल गया. आज ज्योति अकेले ही कैफेटेरिया चलाती हैं.

ज्योति कहती हैं कि सुबह से रात तक कैफेटेरिया चलाती हूं और खाली वक्त में पढ़ाई करती हूं. आज ज्योति अपने पैसे खर्च कर किराए के मकान में रहती है. मार्केटिंग के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने का सपना संजोए ज्योति आज भी मुक्त विद्यालय से आगे का पढ़ाई कर रही हैं.

ज्योति आज न कई युवतियों की प्रेरणास्रोत बन गई है बल्कि ऐसी लड़कियों के आंख भी खोल रही हैं, जो छोटी सी समस्या सामने आने के बाद अपना पढ़ाई छोड़ देती हैं. ज्योति कहती भी हैं कि हौसला रख आगे बढ़ा जाय तो कोई भी मंजिल हासिल की जा सकती है.

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