ISIS में शामिल होने गई निमिषा काबुल जेल में है बंद; मां को लौट आने का है भरोसा
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ISIS में शामिल होने गई निमिषा काबुल जेल में है बंद; मां को लौट आने का है भरोसा

2016 में केरल से 19 गायब लोगों के गायब होने के बाद सूचना मिली थी कि वह सभी आईएसआईएस में शामिल होने अफगानिस्तान चले गए थे, जहां उनकी पतियों की जंग में मौत हो गई और महिलाओं को अफगान पुलिस ने जेल में बंद कर दिया था.  

अलामती तस्वीर

तिरुवनंतपुरमः इस्लामिक स्टेट की हिमायत करने की वजह से काबुल की जेल में बंद निमिषा की मां बिंदू अपने भगवान से पूरी उम्मीद लगाए हुए है कि एक दिन उनकी बेटी जेल से रिहा होकर वापस भारत आएगी. अपनी बेटी की वजह से निशाना बनाया जाने से परेशान बिंदु ने कहा, ’’मैंने कुछ गलत नहीं किया है और अगर मेरी बेटी ने कुछ गलत किया है, तो उस पर भारतीय कानून के तहत मुकदमा चलाना चाहिए.’’
गौरतलब है कि केरल सरकार द्वारा 2016 में विभिन्न केंद्रीय एजेंसियों-आईबी, एनआईए और रॉ से संपर्क करने के बाद केरलवासियों के आईएस में शामिल होने की खबरें सामने आई हैं.  राज्य से 19 गायब लोगों के बारे में रिपोर्ट और कुछ रिश्तेदारों के बयानों के मुताबिक माना जाता है कि वह निमिषा आईएस में शामिल हो गई थी. इन 19 लोगों में 10 पुरुष, छह महिलाएं और तीन नाबालिग शामिल हैं. इनमें से ज्यादातर लोग कासरगोड और पलक्कड़ जिले के हैं. इसमें ईसाई और हिंदू धर्मान्तरित लोग भी शामिल हैं.

केरल सरकार ने खड़े किए हाथ  
केरल की राजधानी में मानाकाडू के पास रहने वाली बिंदू ने 2016 में मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से संपर्क कर लापता बेटी का पता लगाने में मदद मांगी थी. लेकिन बाद में पता चला कि निमिषा ने अपनी दोस्त ईजा से शादी कर ली है, जो एक ईसाई थी और बाद में उसने इस्लाम कबूल कर लिया था. फिर खबर आई कि वह अफगानिस्तान चली गई. दोनों मां-बेटी के बीच आखिरी बार संपर्क नवंबर 2019 में हुआ था. 

अफगान अफसरों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था
प्राप्त सूचनाओं के मुताबिक, चार महिलाएं सोनिया सेबेस्टियन उर्फ आयशा, मेरिन जैकब उर्फ मेरिन, निमिशा नायर उर्फ फातिमा ईसा, और राफाएला 2016-18 में खुरासान प्रांत में इस्लामिक स्टेट के इलाके में रहने के लिए अपने परिवारों के साथ अफगानिस्तान चली गई थीं. वहां जाने के बाद उनके पति अलग-अलग हमलों में मारे गए और महिलाओं ने नवंबर 2019 में अफगान अफसरों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था. तभी से निमिषा और उसका छोटा बच्चा अब काबुल की एक जेल में बंद है.

बिंदू को है भगवान पर भरोसा 
बिंदू के मुताबिक, उनकी अपील का अभी तक कोई जवाब नहीं मिला है. एक प्रमुख राष्ट्रीय अंग्रेजी दैनिक में छपी एक खबर पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत सरकार ने कहा था कि निमिषा सहित चार महिलाओं को स्वदेश वापस लाने की कोई संभावना नहीं है. बिंदू कहती है कि बेटी की वजह से लोग मुझे भी निशाना बनाते हैं. मैं इस वजह से अवसाद में आ गई थी. अब मैंने सब कुछ भगवान पर छोड़ दिया है. मुझे इंसाफ मिलेगा क्योंकि भगवान कोई रास्ता निकालेंगे. 

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