आखिर किसके कहने पर मुंशी प्रेमचंद ने जामिया में रातभर जागकर लिखी थी 'कफन' कहानी
Advertisement

आखिर किसके कहने पर मुंशी प्रेमचंद ने जामिया में रातभर जागकर लिखी थी 'कफन' कहानी

मुंशी प्रेमचंद अक्सर जामिया में आया करते थे. उनकी इसी लगाव की वजह से साल 2004 में जामिया में 'मुंशी प्रेमचंद अभिलेखागार और साहित्य केंद्र' की स्थापना की गई.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने अपने 100 साल मुकम्मल कर लिए हैं. इस मौके पर यूनिवर्सिटी बड़े ही खूबसूरत अंदाज़ में सजाया गया है. इस यूनिवर्सिटी का इतिहास बहुत ही मुश्किलों से भरा रहा है. इस यूनिवर्सिटी ने कई तरह के संकटों का सामना करते आज हिंदुस्तान की बेस्ट यूनिवर्सिटी का खिताब हासिल किया है. सेंट्रल एजुकेशन मिनिस्ट्री ने इसे देश के 40 यूनिवर्सिटियों में 'बेस्ट यूनिवर्सिटी' के दर्जे से सम्मानित किया है.

यह भी पढ़ें: 100 Years Of Jamia: देखिए जामिया की वो तस्वीरें जो शायद आपने पहले कभी न देखी हों

अपने 100 साल मुकम्मल होने पर जामिया में कई तरह के प्रोग्राम हुए हैं. जिनमें उन्होंने मुंशी प्रेमचंद को याद किया है. मुंशी प्रेमचंद का जामिया के साथ खास लगाव था. साल 1935 में जब मुंशी प्रेमचंद दिल्ली आए थे तो यहां उनसे मिलने वालों का तांता सा लग गया था. इसी दौरान एक मीटिंग में उनसे डॉ ज़ाकिर हुसैन ने आग्रह किया कि क्यों नहीं वह जामिया में रहते हुए एक कहानी लिखें. जिसके बाद प्रेमचंद जी ने उन्हें मायूस नहीं किया और उन्होंने सारी रात जागकर कालजयी कहानी 'कफ़न' यहीं लिखी. जिसे पहली बार जामिया पत्रिका में प्रकाशित किया गया.

यह भी पढ़ें: जब जामिया को बचाने के लिए भीख मांगने तक को तैयार हो गए थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

मुंशी प्रेमचंद अक्सर जामिया में आया करते थे. उनकी इसी लगाव की वजह से साल 2004 में जामिया में 'मुंशी प्रेमचंद अभिलेखागार और साहित्य केंद्र' की स्थापना की गई. इसमें प्रेमचंद की प्रकाशित, अप्रकाशित और अधूरी कहानियों समेत अखबारों-पत्रिकाओं में छपे उनके लेखों का संग्रह है. प्रेमचंद के अलावा अन्य भारतीय सहित्यकारों के दुर्लभ काम भी यहां उपलब्ध हैं.

Zee Salaam LIVE TV

Trending news