Sukhwinder Singh Sukhu: सुखिंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर शपथ ले ली. इससे पहले उन्होंने शनिवार की शाम राज्यपाल के सामने सरकार बनाने का दावा पेश किया है.
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Sukhwinder Singh Sukhu: हिमाचल प्रदेश को आज 15वां मुख्यमंत्री मिल गया है. हाल ही में हुए चुनाव में कांग्रेस ने बहुमत हासिल की है. चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस में कुछ देर के लिए अंदरूनी कलह देखने को मिली थी. दरअसल आला कमान के सामने यह बड़ी मुश्किल आकर खड़ी हो गई थी कि सीएम किसको बनाया जाए. क्योंकि वीरभद्र की पत्नी प्रतिभा सिंह के अलावा सुखविंदर सिंह सुक्खू भी मजबूत दावेदार थे. जिसके बाद शनिवार देर शाम आला कमान ने सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. जिसपर सभी ने इत्तेफाक राये जाहिर की है.
सुखविंदर सिंह सुक्खू पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष हैं और चार बार विधायक रह चुके हैं. इसके अलावा वो कांग्रेस की चुनाव कमेटी के चीफ भी हैं. आज यानि रविवार की सुबह 11 बजे राजधानी शिमला में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उनके साथ मुकेश अग्निहोत्री डिप्टी सीएम ने भी शपथ ली. सुक्खू, गांधी परिवार के साथ नजदीकी के लिए जाने जाते हैं. राज्य के कांग्रेस इंचार्ज राजीव शुक्ला के ज़रिए कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) का नेता नामित किया गया, मल्लिकार्जुन खड़गे के ज़रिए उनकी नियुक्ति को मंजूरी दी गई.
कांग्रेस विधायकों के बहुमत की हिमायत करने वाले सुक्खू 68 मेंबरी असेंबली में 40 सीटें जीतकर बहुमत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री पद के लिए तीन उम्मीदवारों में से उभरे. वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह और चार बार विधायक रहे मुकेश अग्निहोत्री शीर्ष पद की दौड़ में शामिल थे.
Sukhwinder Singh Sukhu: दूध बेचने से लेकर हिमाचल प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने तक का सफर
स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स से की शुरुआत
सुक्खू ने स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स में अपना करियर शुरू किया और 2013 से 2019 तक पार्टी की राज्य इकाई के चीफ के पद पर रहे. हमीरपुर जिले के नादौन के रहने वाले सुक्खू, जो छह बार के मुख्यमंत्री दिवंगत वीरभद्र सिंह के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध साझा नहीं करने के लिए राजनीतिक हलकों में जाने जाते हैं, उन्होंने अपने कॉलेज के दिनों में पार्टी के छात्र विंग नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की सेवा की है. 1989 में उन्हें इसकी राज्य इकाई का अध्यक्ष चुना गया.
दो बार शिमला के पार्षद भी रहे सुक्खू
राज्य की राजनीति में शामिल होने से पहले, उन्होंने दो बार 1992 और 2002 में शिमला नगर निगम के पार्षद के तौर पर काम किया है. हाल ही में खत्म हुए विधानसभा चुनाव में सुक्खू ने चुनाव मुहिम कमेटी के चीफ की जिम्मेदारी भी संभाली.
पत्रकार थे मुकेश अग्निहोत्री:
पत्रकार से राजनेता बने 60 वर्षीय मुकेश अग्निहोत्री ने ऊना जिले में अपने गढ़ हरोली सीट को बरकरार रखा, जिस सीट से उन्होंने पहले तीन बार- 2007, 2012 और 2017 में प्रतिनिधित्व किया था. 8 दिसंबर को विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला, 68 सदस्यीय सदन में 34 से छह अधिक- 40 सीटें जीतीं, जबकि निवर्तमान भाजपा 25 पर सिमट गई.
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