आर्मी चीफ नरवणे सऊदी और UAE की तारीखी यात्रा पर: जानिए क्यों अहम है यह दौरा
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आर्मी चीफ नरवणे सऊदी और UAE की तारीखी यात्रा पर: जानिए क्यों अहम है यह दौरा

भारतीय फौज के मुताबिक जनरल नरवणे को संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज़ के हेडक्वॉर्टर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्होंने मार्टियर्स प्वाइंट पर फूल भी पेश किए गए.

आर्मी चीफ नरवणे सऊदी और UAE की तारीखी यात्रा पर: जानिए क्यों अहम है यह दौरा

नई दिल्ली: आर्मी चीफ एमएम नरवणे मंगलवार को 6 रोज़ा यूएई और सऊदी अरब पहुंचे हैं. किसी भी हिंदुस्तानी आर्मी चीफ का ये पहला यूएई और सऊदी अरब का दौरा है. इस दौरे का मकसद हिंदुस्तान और खाड़ी मुल्कों के रिश्तों में और मज़बूती लाना है और यह दौरा इसलिए भी अहम है क्योंकि हाल ही में सऊदी अरब और UAE से पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के रिश्तों में खटास आई है. 

UAE में मिला गार्ड ऑफ ऑनर
भारतीय फौज के मुताबिक जनरल नरवणे को संयुक्त अरब अमीरात के लैंड फोर्सेज़ के हेडक्वॉर्टर में गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्होंने मार्टियर्स प्वाइंट पर फूल भी पेश किए गए. भारतीय सेना के एडीजी पीआई ने जुमा के रोज़ बताया कि आर्मी चीफ ने लैंड फोर्सेज एंड स्टाफ के कमांडर मेजर जनरल सालेह मोहम्मद सालेह अल अमीरी से मुलाकात की और आपसी मफाद (हितों) साथ ही सुरक्षा सहयोग के मुद्दों पर चर्चा की.

सऊदी-UAE के पाकिस्तान से बिगड़ते रिश्ते
हाल में सऊदी अरब और यूएई से पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव बढ़ा है. पाकिस्तान के रिश्ते गुजरे कुछ वक्त में तुर्की और मलेशिया से ज्यादा गहरे हुए हैं. इसकी एक वजह यह है कि इन देशों ने कश्मीर के मसले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर उठाया है लेकिन इसका खामियाजा मुस्लिम दुनिया में सबसे असरदार मुल्क सऊदी अरब के साथ बिगड़े रिश्तों के तौर पर पाकिस्तान को भुगतना पड़ रहा है. सऊदी अरब ने हाल में कोरोना महामारी के बावजूद पाकिस्तान को दिए कर्ज को लौटाने की समयसीमा बढ़ाने से इनकार कर दिया. यूईए से भी पाकिस्तान के रिश्ते तेजी से बिगड़े हैं. यूएई ने कुछ रोज़ पहले पाकिस्तान को उन 12 मुल्कों में शामिल किया, जिनके नागरिकों के अपने यहां आने पर उसने आरज़ी (अस्थायी) रोक लगा दी.

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इसलिए भी अहम है दौरा
चीन, अमेरिका, जापान के बाद सऊदी अरब ही वो चौथा मुल्क है जिससे हिंदुस्तान  सबसे ज्यादा ट्रेड करता है. साथ ही ऊर्जा का भी बड़ा ज़रिया भी है. भारत कच्चे तेल की अपनी जरूरतों का करीब 18 फीसद सऊदी अरब से ही आयात करता है. इसके अलावा वह भारत के लिए एलपीजी का भी बड़ा स्रोत है. इसके अलावा कतर, यूएई और सऊदी अरब ने भारत की स्वदेशी ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है. 2017 में भारत ने अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की यात्रा के मौके पर यूएई को ब्रह्मोस मिसाइल की पेशकश की थी. तीन साल में कई वार्ता हो चुकी हैं. इसलिए आर्मी चीफ यात्रा के दौरान इस मामले पर भी चर्चा कर सकते हैं. 

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