अफगानिस्तान में तालिबान शासन को मान्यता देने के मुद्दे पर पाकिस्तान के इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर फवाद चौधरी का रद्देअमल सामने आया है.
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान के इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर फवाद चौधरी ने मंगलवार को कहा कि उनका मुल्क अफगानिस्तान में तालिबान हुकूमत को मान्यता देने का एकतरफा फैसला नहीं लेगा.
चौधरी ने अफगानिस्तान से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने की पाकिस्तान की कोशिशों के बारे में जानकारी देने के लिए बुलाए गए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'पाकिस्तान की नीति पूरी तरह से साफ रही है और वह एकतरफा फैसला नहीं लेगा. नये अफगान शासन को मान्यता देने के फैसला से पहले अंतरराष्ट्रीय और इलाकाई नुक़्ता-ए-नज़र पर भी विचार किया जाएगा.'
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इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्टर ने कहा, 'पाकिस्तान ने लोगों को सुरक्षित वहां से निकालने की प्रक्रिया में काफी अहम भूमिका निभाई है. हम अफगानिस्तान से विदेशियों को बहिफाज़त निकालने के लिए ज्यादा से ज्यादा सहयोग दे रहे हैं और अब तक 10,302 विदेशियों को निकालने में मदद कर चुके हैं.'
उन्होंने कहा, 'यह एक प्रक्रिया है और हमें इंतजार करना चाहिए. नये अफगान अधिकारियों ने एक साफ रुख अपनाया है और हमें उम्मीद है कि वे किसी भी देश के खिलाफ अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देंगे.'
गौरतलब है कि तालिबान ने 15 अगस्त को अफगानिस्तान में सत्ता पर कब्जा कर लिया था. इसके दो सप्ताह बाद 31 अगस्त को अमेरिका ने अपने सभी सैनिकों को वापस बुला लिया. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात में शरण लेनी पड़ी.
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