भारत की कूटनीतिक सफलता: पाक में सजा-ए-मौत का इंतजार कर रहे कुलभूषण जाधव की हो सकती है रिहाई
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भारत की कूटनीतिक सफलता: पाक में सजा-ए-मौत का इंतजार कर रहे कुलभूषण जाधव की हो सकती है रिहाई

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने हुकूमत की हिमायत वाली एक बिल को मंजूरी दी है जो सजायाफ्ता भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को कोर्ट में सरकार के फैसले के खिलाफ अपील का हक देगा. 

 

कुलभूषण जाधव, फाइल फोटो

इस्लामाबादः पाकिस्तान में जासूसी के जुर्म में मौत की सजा पाए भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव की रिहाई अब दूर नहीं है. जल्द ही जाधव की गिरफ्तारी और उनकी मौत की सजा को भारत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ़ जस्टिस में चुनौती दे सकेगा. खास बात यह है कि जिस कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान जासूस मानकर उनतक राजनयिक पहुंच देने से इंकार करता रहा है, उसी मुल्क की संसद ने एक ऐसे कानून को मंजूरी दी है जो जाधव की रिहाई की राह हमवार करेगी. हालांकि सरकार को पाक नेशनल असेम्बली में इस बिल को लेकर विरोधी दलों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा है. हालांकि इन सबके बावजूद अगर इस कानून के बिना पर जाधव की रिहाई मुमकिन होती है तो भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में पिछले कई सालों से जमीं बर्फ के पिघलने के आसार होंगे.  

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पाक नेशनल असेम्बली ने पास किया बिल 
दरअसल, पाकिस्तान की नेशनल असेंबली ने हुकूमत की हिमायत वाली एक बिल को पास किया है जो सजायाफ्ता भारतीय कैदी कुलभूषण जाधव को अपील का हक देगा। ‘डॉन’ अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल असेंबली ने अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (समीक्षा एवं पुनर्विचार) विधेयक, 2020 को जुमेरात को मंजूरी दी है जिसका मकसद मुस्तबा भारतीय जासूस जाधव को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) के फैसले के मुताबिक राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराना है।

भारतीय कूटनीतिक दबाव में झुका पाकिस्तान 
विधेयक पारित होने के बाद, कानून मंत्री फरोग नसीम ने कहा कि अगर उन्होंने इस बिल को पास नहीं किया होता तो भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद चला जाता और आईसीजे में पाकिस्तान के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही शुरू कर देता। नसीम ने कहा कि विधेयक आईसीजे के फैसले के मद्देनजर पारित किया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक पारित कर उन्होंने दुनिया को साबित कर दिया कि पाकिस्तान एक “जिम्मेदार राष्ट्र” है।

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विपक्षी दलों ने सरकार के इस कदम की आलोचला की 
इस कानून को असेम्बली में पास होने के बाद सरकार के कदम की आलोचना करते हुए पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के सांसद एहसान इकबाल ने कहा कि यह व्यक्ति विशेष विधेयक था और जाधव का नाम विधेयक के उद्देश्यों और कारणों के विवरण में शामिल था। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने भी इस बिल पर सख्त ऐतराज जताया है. 

कौन हैं कुलभूषण जाधव और क्या है मामला 
51 वर्षीय कुलभूषण जाधव भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं. पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने जासूसी एवं आतंकवाद के इल्जाम में अप्रैल 2017 को उन्हें कसूरवार ठहराते हुए मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने जाधव को राजनयिक पहुंच न देने और मौत की सजा को चुनौती देने के लिए पाकिस्तान के खिलाफ आईसीजे का रुख किया था। द हेग में वाके आईसीजे ने जुलाई 2019 में फैसला दिया था कि पाकिस्तान को जाधव को दोषी ठहराने और सजा सुनाने संबंधी फैसले की ‘‘प्रभावी समीक्षा एवं पुनर्विचार” करना चाहिए. कोर्ट ने कहा था कि बिना किसी देरी के भारत को जाधव के लिए राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराने देने का भी मौका देना चाहिए। 

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