नई दिल्ली : आयकर विभाग ने 2009-10 आंकलन वर्ष के लिए इंफोसिस को 577 करोड़ रुपये के कर मांग का नोटिस जारी किया है जिससे भारत की इस दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के लिए कर संबंधी चिंताएं और बढ़ गयी हैं।
बेंगलुरु स्थित सॉफ्टवेयर सेवा निर्यातक ने कहा कि है कि वह ताजा कर मांग नोटिस के खिलाफ कानूनी मार्ग अपनाने की प्रक्रिया में है। इंफोसिस पहले ही 2005 से शुरू होने वाले चार वित्त वर्ष के लिए करीब 1175 करोड़ की अतिरिक्त आयकर मांग के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है।
इन्फोसिस ने अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनियम आयोग (एसईसी) को इसी सप्ताह भेजी सूचना में कहा है कि कंपनी को आयकर विभाग से 2008-09 के लिए नया आकलन संबंधी आदेश मिला है। इसमें कर के संबंध में 10.6 करोड़ डालर की मांग की गई है।’
इस बीच इंफोसिस के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘हमें आंकलन वर्ष 2009-10 के लिए आंकलन आदेश मिला है जिसमें 577 करोड़ के कर की मांग की गयी है।’ उन्होंने कहा कि इससे पहले 2007-08 एवं 2008-09 के आंकलन वर्ष के आदेश में विशेष आर्थिक क्षेत्र से आनसाइट साफ्टवेयर विकास राजस्व से हुई आय को कर लाभ नहीं दिया गया। इसमें केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के 17 जनवरी के ताजा स्पष्टीकरण का पालन नहीं किया गया है। प्रवक्ता ने कहा कि इंफोसिस आयकर आयुक्त के समक्ष अपील दायर करने की प्रक्रिया में है। (एजेंसी)
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इंफोसिस को आयकर विभाग ने भेजा 577 करोड़ रुपए का नोटिस
आयकर विभाग ने 2009-10 आंकलन वर्ष के लिए इंफोसिस को 577 करोड़ रुपये के कर मांग का नोटिस जारी किया है जिससे भारत की इस दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी के लिए कर संबंधी चिंताएं और बढ़ गयी हैं।
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