नई दिल्ली : चीनी मिलों पर 2011-12 के विपणन वर्ष के लिए 31 अगस्त तक गन्ना किसानों का बकाया 1,233 करोड़ रुपये था। खाद्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चीनी मिलों ने 31 अगस्त तक किसानों का 49,899 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। अभी मिलों पर किसानों का 1,233 करोड़ रुपये का बकाया है। विपणन वर्ष अक्तूबर से सितंबर तक चलता है।
आंकड़ों में दर्शाया गया है कि पूरे 2011.12 विपणन वर्ष के लिए गन्ने का कुल बकाया भुगतान 51,132 करोड़ रुपये का करना था जो इससे पिछले साल 44,530 करोड़ रुपये था। कुल गन्ना बकाये में से उत्तर प्रदेश की मिलों पर अधिकतम 440.84 करोड़ रुपये का बकाया था। इसके बाद तमिलनाडु पर 304 करोड़ रुपये का और उत्तराखंड पर 151.89 करोड़ रुपये का बकाया था।
हालांकि देश में गन्ना के सबसे बड़े उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में गन्ने का बकाया मात्र 16 करोड़ रुपये का था। केन्द्र सरकार ने 2011.12 के विपणन वर्ष के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (एफआरपी) 145 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया था।
हालांकि उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु और उत्तराखंड जैसे राज्यों ने प्रदेश परामर्शित मूल्य (एसएपी) की घोषणा की थी जो एफआरपी से काफी अधिक था। उत्तर प्रदेश में यह 250 रुपये प्रति क्विंटल था। चीनी मिलों ने 2011.12 के विपणन वर्ष में 2.62 करोड़ टन चीनी का उत्पादन किया था जो इससे पिछले वर्ष में दो करोड़ 44.2 लाख टन था। देश में चीनी की वाषिर्क घरेलू मांग 2.2 करोड़ टन की है। चीनी के अधिशेष उत्पादन के कारण भारत चीनी का निर्यात कर रहा है। वर्ष 2011.12 में देश से 35 लाख टन चीनी का निर्यात किया गया है। (एजेंसी)
गन्ना किसान
चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का 1,233 करोड़ बकाया
चीनी मिलों पर 2011-12 के विपणन वर्ष के लिए 31 अगस्त तक गन्ना किसानों का बकाया 1,233 करोड़ रुपये था।
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