नई दिल्ली : रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी की दोहरी मार के बीच पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर बताया है कि सुधारात्मक कदम नहीं उठाये गये तो सब्सिडी वाले ईंधन की बिक्री पर नुकसान बढ़कर 1,80,000 करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है।
मोइली ने विस्तृत नोट में कहा है कि डॉलर के मुकाबले रुपया 54.45 रुपये प्रति डॉलर से घटकर 68.36 रुपये प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। इससे तेल कंपनियों की आयात लागत काफी बढ़ गई। मोइली ने प्रधानमंत्री को बताया है, यदि मौजूदा हालात बने रहे तो कुल अंडर रिकवरी (राजस्व नुकसान) चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 1,80,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच जाएगी जो बीते वित्त वर्ष में 1,61,000 करोड़ रुपये रही थी।’
उल्लेखनीय है कि डीजल की बिक्री पर नुकसान बढ़कर 10.22 रुपये प्रति लीटर पहुंच गया है जो महीने की शुरुआत में 9.29 रुपये प्रति लीटर था और मई में 3 रुपये प्रति लीटर से भी कम था। इसके अलावा, तेल कंपनियों को केरोसिन की बिक्री पर 33.54 रुपये प्रति लीटर और रसोई गैस पर 412 रुपये प्रति एलपीजी सिलेंडर (14.2 किलोग्राम) का नुकसान हो रहा है।
मोइली ने 30 अगस्त को लिखे पत्र में कहा, ऐसा अनुमान है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में प्रति एक रुपये गिरावट से सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों को डीजल, पीडीएस केरोसिन व एलपीजी की बिक्री पर सालाना करीब 7,900 करोड़ रुपये का नुकसान बढ़ जाता है। (एजेंसी)
सब्सिडी वाले ईंधन
डीजल, केरोसिन व एलपीजी पर सब्सिडी से 1.8 लाख करोड़ का नुकसान!
रुपये में गिरावट और कच्चे तेल की वैश्विक कीमतों में तेजी की दोहरी मार के बीच पेट्रोलियम मंत्री एम. वीरप्पा मोइली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर बताया है कि सुधारात्मक कदम नहीं उठाये गये तो सब्सिडी वाले ईंधन की बिक्री पर नुकसान बढ़कर 1,80,000 करोड़ रुपये पर पहुंच सकता है।
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