दूरसंचार में पूरी तरह FDI होना चाहिए: डॉट

दूरसंचार विभाग (डॉट) की एक समिति ने दूरसंचार क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए पूरी तरह खोले जाने का पक्ष लिया है।

नई दिल्ली : दूरसंचार विभाग (डॉट) की एक समिति ने दूरसंचार क्षेत्र को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) के लिए पूरी तरह खोले जाने का पक्ष लिया है। इससे वित्तीय संकट से जूझ रहे दूरसंचार उद्योग में नया निवेश आने की संभावना है। वर्तमान में दूरसंचार क्षेत्र में 74 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया, ‘यह (इसे बढ़ाकर 100 प्रतिशत करने) विचाराधीन है। दूरसंचार विभाग ने इस पर काम शुरू कर दिया है। प्रस्ताव को सबसे पहले दूरसंचार आयोग द्वारा मंजूरी दिए जाने की जरूरत है, लेकिन हम निश्चिंत नहीं है कि इसे 2 जुलाई को होने वाली आयोग की बैठक में रखा जा सकेगा।’ एफडीआई सीमा खत्म करने के प्रस्ताव का और ब्यौरा हासिल नहीं हो सका।
दूरसंचार आयोग के अंतर-मंत्रालयी निकाय द्वारा जुलाई में प्रस्तावित बैठक में दूरसंचार वित्त निगम (टीएफसी) के गठन पर चर्चा किए जाने की संभावना है जिससे इस क्षेत्र में निवेश में सहूलियत प्रदान की जा सके।
बैठक के एजेंडे में और भी कई मुद्दे शामिल हैं। टेलिकम्युनिकेशंस कन्सल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड में हिस्सेदारी का विनिवेश, नेशनल आप्टिकल फाइबर नेटवर्क (एनओएफएन) की स्थिति की समीक्षा और दूरसंचार विकास के विभिन्न क्षेत्रों में हुई प्रगति पर विचार किया जायेगा। (एजेंसी)

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