राजकोषीय घाटा 8.6 फीसदी रहने का अनुमान

मेक्वायर का कहना है कि 2011-12 में भारत का कुल राजकोषीय घाटा इसके सकल घरेलू उत्पाद का 8.6 प्रतिशत रहेगा।

दिल्ली : वैश्विक अनुसंधान फर्म मेक्वायर का कहना है कि 2011-12 में भारत का कुल राजकोषीय घाटा इसके सकल घरेलू उत्पाद का 8.6 प्रतिशत रहेगा तथा इसमें और बढोतरी से उद्योगों का भरोसा डगमगा सकता है। कुल राजकोषीय घाटे में केंद्र व राज्यों का घाटा भी शामिल है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के एकीकृत राजकोषीय घाटे में खाद्य, तेल व उर्वरक जैसे इतर-बजटीय उत्पाद शामिल हैं और यह लगभग 8.6 प्रतिशत रहेगा। रपट में राजकोषीय घाटे में इस बढोतरी के लिए कमजोर राजस्व वृद्धि तथा सरकार द्वारा व्यय प्रबंधन के अभाव को जिम्मेदार बताया गया है।

 

मेक्वायर ने कहा है कि देश का राजकोषीय घाटा पहले ही काफी अधिक है तथा इसमें और बढोतरी से क्रेडिट रेटिंग में कमी तथा व्यावसायिक भरोसा टूटने का खतरा बना हुआ है। रपट में सुझाव दिया गया है कि भारत सरकार द्वारा राजकोषीय सुधारों की राह अपनाए जाने की जरूरत है। (एजेंसी)

Zee News App: पाएँ हिंदी में ताज़ा समाचार, देश-दुनिया की खबरें, फिल्म, बिज़नेस अपडेट्स, खेल की दुनिया की हलचल, देखें लाइव न्यूज़ और धर्म-कर्म से जुड़ी खबरें, आदि.अभी डाउनलोड करें ज़ी न्यूज़ ऐप.