GMR के खिलाफ कार्रवाई पर सिंगापुर की अदालत का स्टे

सिंगापुर उच्च न्यायालय ने मालदीव सरकार द्वारा भारतीय कंपनी जीएमआर के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का माले अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण और परिचालन से जुड़ा 50 करोड़ डॉलर अनुबंध रद्द किए जाने के फैसले के विरुद्ध सोमवार को स्थगन आदेश जारी किया।

सिंगापुर : सिंगापुर उच्च न्यायालय ने मालदीव सरकार द्वारा भारतीय कंपनी जीएमआर के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम का माले अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के आधुनिकीकरण और परिचालन से जुड़ा 50 करोड़ डॉलर अनुबंध रद्द किए जाने के फैसले के विरुद्ध सोमवार को स्थगन आदेश जारी किया।
आदालत के हस्तक्षेप के बाद जीएमआर मालदीव के इस हवाई अड्डे का काम जारी रख सकती है। जीएमआर के प्रवक्ता ने कहा,‘सिंगापुर उच्च न्यायालय ने मालदीविया एयरपोर्ट कंपनी लिमिटेड और मालदीव सरकार पर 27 नवंबर के पत्र के आधार पर किसी तरह की कार्रवाई करने पर प्रतिबंध लगा दिया है।’
एमएसीएल ने मालदीव की नई सरकार के निर्देश के आधार पर 2010 में तत्कालीन राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के कार्यकाल के दौरान जीएमआर को दिया गया अनुबंध 27 नवंबर को रद्द कर दिया था।
यह पूछने पर कि क्या जीएमआर हवाईअड्डे का परिचालन जारी रखेगी कंपनी के अधिकारी ने कहा,‘हां, हम जारी रखेंगे। साथ में पंचनिर्णय की प्रक्रिया भी जारी रहेगी।’
अनुबंध के मुताबिक दोनों पक्षों में मतभेद होने की स्थिति में सिंगापुर या फिर ब्रिटेन के कानून के तहत फैसला किया जाएगा।
भारत ने इस अनुबंध के रद्द किए जाने का जोरदार विरोध किया है। मालदीव सरकार की कार्रवाई के बाद भारत ने एक उच्चस्तरीय बैठक में उसके साथ व्यापक संबंधों की समीक्षा भी की है।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की सुरक्षा मामलों पर समिति ने इस घटना से जुड़े विभिन्न पहलुओं तथा उनके दूरगामी प्रभावों पर गौर किया है।
भारत सरकार ने मालदीव सरकार के निर्णय को विदेशी निवेशकों के लिए ‘बड़ा बुरा संकेत’ बताया है। मालदीव सरकार भारतीय कंपनी के साथ पिछली सरकार के समय हुए अनुबंध को ‘संदेहास्पद दशा’ का अनुबंध करार दिया है। (एजेंसी)

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