मदुरै : मद्रास उच्च न्यायालय ने इंडियन प्रीमियर लीग और भारतीय क्रिकेट बोर्ड को अपने नियंत्रण में लेने के लिये सरकार को निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर आज नोटिस जारी किये। याचिका में आरोप लगाया गया है कि बीसीसीआई खेल को आगे बढ़ाने में नाकाम रहा है। उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ के न्यायमूर्ति एम एम सुंद्रेश और एम माला ने संस्कृति और युवा कल्याण विभाग के सचिव, आईपीएल अध्यक्ष, बीसीसीआई अध्यक्ष और अन्य को नोटिस जारी किये हैं। इन्हें छह जून तक जवाब देने के लिये कहा गया है।
शहर के वकील वी शांताकुमारसेन ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि बोर्ड की गतिविधियां और आय की प्राप्ति पूरी तरह से व्यावसायिक है और बीसीसीआई के कामकाज में किसी भी तरह की चैरिटी नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बीसीसीआई के अधिशेष से खेल को बढ़ावा देने के बजाय उसे खिलाड़ियों में बांट दिया जाता है। शांताकुमारसेन ने कहा कि अदालत को बीसीसीआई के आय के स्रोतों, वित्तीय स्थिति, सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग से संबंधित मसलों पर जांच के लिये सीबीआई को निर्देश देने चाहिए। (एजेंसी)
आईपीएल
आईपीएल, बीसीसीआई पर नियंत्रण संबंधी अर्जी पर नोटिस जारी
मद्रास उच्च न्यायालय ने इंडियन प्रीमियर लीग और भारतीय क्रिकेट बोर्ड को अपने नियंत्रण में लेने के लिये सरकार को निर्देश देने संबंधी जनहित याचिका पर आज नोटिस जारी किये।
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