लंदन: अमेरिकी शोधार्थियों ने आध्यात्मिकता के लिए जिम्मेवार मस्तिष्क के हिस्से की पहचान करने का दावा किया है। वैज्ञानिक काफी समय से मानते रहे हैं कि मस्तिष्क में एक विशेष हिस्सा आध्यात्मिक अनुभूतियों के लिए जिम्मेवार होता है। समाचार पत्र डेली मेल की शनिवार की रिपोर्ट के मुताबिक मिसौरी विश्वविद्यालय के शोधार्थियों ने अपने अध्ययन के लिए पहले के एक प्रकाशित अध्ययन को आधार बनाया, जिसमें कहा गया था कि आध्यात्मिक अनुभूतियों का सम्बंध दाहिने पेरीटल लोब की कार्यप्रणाली की मंदता से है।
शोधार्थियों ने अपने अध्ययन में पाया कि कई और तरह की आध्यात्मिक अनुभूतियों का सम्बंध मस्तिष्क के सामने हिस्से की गतिविधियों की तीव्रता से है।
स्कूल ऑफ हेल्थ प्रोफेशन में स्वास्थ्य मनोविज्ञान के प्रोफेसर ब्रिक जॉन्स्टन ने कहा कि हमने अध्यात्म का स्नायुमनोवैज्ञानिक आधार ढूंढ लिया है, लेकिन इसका सम्बंध मस्तिष्क के सिर्फ एक विशेष केंद्र से नहीं है।
उन्होंने कहा कि आध्यात्मिकता एक काफी अधिक गत्यात्मक अवधारणा है, जो मस्तिष्क के कई हिस्सों का इस्तेमाल करता है।
अपने अध्ययन में जॉन्स्टन ने ऐसे 20 लोगों को शामिल किया जिनके दाहिने पेरीटल लॉब पर चोट लगी थी। यह स्थान दाहिने कान से कुछ ऊपर होता है। ये वे लोग थे जो आध्यात्मिक अनुभूति का दावा करते थे।
प्रयोग में उन्होंने पाया कि जिनके दाहिने पैरीटल लोब पर अधिक चोट लगी थी, उनकी आध्यात्मिक अनुभूति दूसरों से ज्यादा थी।
समाचार पत्र के मुताबिक जॉन्स्टन ने कहा कि मस्तिष्क का दाहिना हिस्सा स्वानुभूति से जुड़ा होता है, जबकि बायां हिस्सा सामाजिक सम्बंधों से जुड़ा होता है। (एजेंसी)