लंदन : भारतीय मूल के एक अनुसंधानकर्ता की अगुआई में वैज्ञानिकों ने पहली बार एक 10 साल की लड़की की स्टेम कोशिकाओं से बनाई गई नस को उसके शरीर में एक महत्वपूर्ण नस की जगह प्रत्यारोपित किया है।
पत्रिका ‘दी लैंसेट’ के अनुसार प्रोफेसर सुचित्रा सुमित्रन-हॉलगर्सन की अगुआई में स्वीडन के गोथेनबर्ग विश्वविद्यालय के एक अनुसंधान दल ने एक मृत व्यक्ति की नस से उसकी कोशिकाओं को हटा कर उसमें इस लड़की की स्टेम कोशिकाएं भर दीं।
प्रो सुचित्रा ने बताया कि इस प्रतिरोपन के बाद लड़की के जीवन में जबर्दस्त सुधार आया। उन्होंने कहा कि यह सफलता प्रयोगशाला में शरीर के अंग तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस सफलता से उन मरीजों के लिए उम्मीद की नई किरण जगी है जिनमें डायलिसिस या बाइपास शल्यचिकित्सा के लिए उपयुक्त नसों की कमी होती है। (एजेंसी)
स्टेम सेल
स्टेम सेल से वैज्ञानिकों ने पहली बार बनाई नई नस
भारतीय मूल के एक अनुसंधानकर्ता की अगुआई में वैज्ञानिकों ने पहली बार एक 10 साल की लड़की की स्टेम कोशिकाओं से बनाई गई नस को उसके शरीर में एक महत्वपूर्ण नस की जगह प्रत्यारोपित किया है।
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