आतंकी हेडली को आज सजा सुनाएगा शिकागो कोर्ट

मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के चार वर्ष बाद मामले के एक प्रमुख अभियुक्त पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली को कल एक स्थानीय अदालत में सजा सुनाई जाएगी। अमेरिका की सरकार ने उसके लिए 30-35 साल की जेल की मांग की है।

शिकागो : मुंबई में हुए आतंकवादी हमले के चार वर्ष बाद मामले के एक प्रमुख अभियुक्त पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड हेडली को कल एक स्थानीय अदालत में सजा सुनाई जाएगी। अमेरिका की सरकार ने उसके लिए 30-35 साल की जेल की मांग की है।
अमेरिकी एटॉर्नी गैरी एस शैप्रियो ने कहा कि सरकार की दलील है कि 30 से 35 साल की सजा सही होगी। इसका कोई प्रश्न नहीं उठता कि हेडली का आपराधिक व्यवहार निंदनीय था। तहव्वुर राणा के मुकाबले हेडली के लिए कहीं कम सजा की मांग की गई है। डेनिश अखबार ‘जिलैदिन पोस्टन’ के कार्यालय पर हमले की साजिश के मामले में राणा को पिछले सप्ताह 14 साल की जेल की सजा सुनाई थी। रिहा होने के बाद से राणा को पांच साल तक निगरानी में रहना होगा।
उधर, अमेरिका ने कई अन्य आतंकवादी संगठनों के बारे में जांच एजेंसियों को महत्वपूर्ण सूचना मुहैया कराने के कारण मुम्बई हमले के आरोपी और लश्कर-ए-तोएबा के आतंकवादी डेविड हेडली के प्रत्यर्पण से इनकार किया है। शैप्रियो ने कल शिकागो की एक अदालत में बताया कि मुम्बई हमले (26/11) का यह आरोपी अमेरिकी में सरकार एवं किसी भी विदेशी न्यायिक प्रक्रिया में वीडियो कांफ्रेंसिंग या पेशी के माध्यम से सहयोग करने पर भी सहमत हो गया।
उन्होंने कहा कि ‘जैसा कि अदालत को मालूम है कि हेडली की गवाही से भी (तहव्वुर) राणा को दोषी ठहराने में मदद मिली। इसके अलावा, हेडली इस बात पर भी सहमत हो गया कि यदि उसे अमेरिकी अटार्नी कार्यालय द्वारा बुलाया जाता है तो अमेरिका में यहां तक कि देश के बाहर किसी भी न्यायिक कार्यवाही में पेशी, वीडियो कांफ्रेंसिंग या अनुग्रह पत्र के माध्यम से अपनी गवाही देने को तैयार है। अमेरिका ने कहा है कि हालांकि पाकिस्तानी अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली ने वर्ष 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले में सहायक की भूमिका अदा की थी लेकिन निश्चित रूप से यह उस नरसंहार को अंजाम देने में एक महत्वपूर्ण भूमिका थी।
अदालत में दाखिल किए दस्तावेज में कहा गया है कि हेडली ने उन स्थलों के वीडियो और खुफिया जानकारियां मुहैया कराई जिन्हें बाद में मुंबई आतंकवादी हमलों के दौरान निशाना बनाया गया। अमेरिका सरकार ने कहा कि हेडली ने हमलावरों की समुद्री मार्ग के एक हिस्से के बारे में जानकारी देने में भी मदद की और वह स्थान बताया जहां से मुंबई में प्रवेश किया जा सकता था। शैप्रियो ने बताया कि वर्ष 2002 से 2005 के बीच हेडली ने लश्कर के पांच प्रशिक्षण शिविरों में हिस्सा लिया जहां उसे जिहाद के फायदे बताये गये और हमला करने का प्रशिक्षण दिया गया।
शैप्रियो ने कहा कि जब लश्कर कमांडरों ने फैसला किया कि हेडली टोह लेने का काम ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकता है तो उसने अपना नाम बदल लिया और अपने मित्र राणा से बिना पकड़ में आए वर्ष 2006 से लेकर 2008 के बीच मुंबई की यात्रा करने और वहां रूकने में मदद ली। शैप्रियो ने अदालत को बताया कि मुंबई हमला होने से पहले हेडली को उसके लश्कर साजिशकर्ताओं ने निर्देश दिया था कि वह डेनमार्क जाये और वहां एक और हमले के लिए टोह ले।
उन्होंने कहा कि नवंबर 2008 में मुंबई हमले को देखने के बाद हेडली जनवरी 2009 में डेनमार्क की यात्रा पर गया था । जारी अमेरिकी अटार्नी शैप्रियो ने कहा कि वहां पर उसने समाचार पत्र के दो अलग-अलग जगहों पर प्रवेश हासिल कर लिया। इस काम में भी उसकी राणा ने मदद की। उन्होंने कहा कि फरवरी और मई 2009 के बीच हेडली की इलियास कश्मीरी से मुलाकात हुई, जिसने उसको लश्कर से अलग होकर उसके गुट के साथ मिल जाने और डेनमार्क में हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने को कहा। शैप्रियो ने बताया कि हेडली ने इन साथियों से मिलने के लिये वर्ष 2009 में ब्रिटेन की यात्रा की और इसके बाद दूसरी बार कोपेनहेगन की यात्रा की जहां लक्ष्य को निशाना बनाने के लिये उसने और ज्यादा वीडियो बनाए।
अक्‍टूबर 2009 में हेडली को ओ हारे हवाई अड्डे से गिरफ्तार कर लिया गया जहां से वह कश्मीरी और साजिद मीर से मिलने के लिये पाकिस्तान जाने वाला था। उन्होंने कहा कि इस तरह से हेडली ने करीब सात साल तक आतंकवादी संगठनों और हमलों के लिए काम किया। (एजेंसी)

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