कसाब का शव लाने का अनुरोध नहीं मिला: मलिक

पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2008 में मुंबई के आतंकी हमले में शामिल अजमल कसाब को बुधवार को भारत में फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद उसके परिजनों की ओर से शव को वापस स्वदेश लाने के बारे में कोई अनुरोध नहीं मिला है।

इस्लामाबाद : पाकिस्तान ने बुधवार को कहा कि वर्ष 2008 में मुंबई के आतंकी हमले में शामिल अजमल कसाब को बुधवार को भारत में फांसी पर चढ़ाए जाने के बाद उसके परिजनों की ओर से शव को वापस स्वदेश लाने के बारे में कोई अनुरोध नहीं मिला है।
गृह मंत्री रहमान मलिक ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि कसाब के परिवार की ओर से आने वाले किसी अनुरोध पर पाकिस्तानी कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा,‘कसाब के परिवार में किसी सदस्य या संबंध ने सरकार से अनुरोध नहीं किया है (शव लाने के लिए)। जब परिवार का कोई सदस्य अनुरोध करेगा तो हम भारत सरकार के समक्ष उसे रखेंगे।’
मलिक ने आतंकवाद के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि आतंकवादी कृत्य में शामिल किसी भी व्यक्ति को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाना चाहिए।
पाक गृह मंत्री मलिक ने कहा, ‘जहां तक फांसी की बात है आप पाकिस्तान का संकल्प और आतंकवाद के खिलाफ हमारे स्पष्ट रुख को जानते हैं। यदि कोई आतंकवादी है और यदि किसी ने आतंकवादी कृत्य को अंजाम दिया है तो मेरा मानना है कि आतंकवादी को तार्किक निष्कर्ष तक पहुंचाया जाना चाहिए।’
मीडिया में विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोअज्जम खान के हवाले से कहा गया कि कसाब के शव को वापस लाने के मुद्दे को उसके परिवार की इच्छाओं के अनुरूप निपटाया जाएगा।
एक अन्य संबद्ध घटनाक्रम में प्रमुख मानवाधिकार कार्यकर्ता अंसार बर्नी ने पेशकश की कि यदि कसाब का परिवार उनके संगठन से इस संबंध में संपर्क करता है तो वह शव को वापस लाने में मदद केंगे।
बर्नी ने कहा कि उन्हें कसाब से कोई सहानुभूति नहीं है लेकिन परिवार को इस्लामी परंपराओं के अनुसार शव को दफन करने का अधिकार है।
कसाब को पुणे के यरवदा जेल में बुधवार सुबह साढ़े सात बजे फांसी पर चढ़ा दिया गया। इस फांसी के बारे में पाकिस्तान सरकार को सारी जानकारी दी गई थी। (एजेंसी)

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