जदयू-बीजेपी गठबंधन अभी कायम है: नीतीश

बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव में साथ रहने पर सीटें बढ़ने और अलग होने पर दोनों दलों को नुकसान होने के बारे में लगाये जा रहे कयास पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनका गठबंधन कायम है।

पटना : बिहार में आगामी लोकसभा चुनाव में साथ रहने पर सीटें बढ़ने और अलग होने पर दोनों दलों को नुकसान होने के बारे में लगाये जा रहे कयास पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि उनका गठबंधन कायम है। एक सर्वेक्षण के अनुसार, जदयू और भाजपा के साथ रहने पर वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में बिहार में राजग की सीटें बढने और अलग होने पर दोनों दलों को नुकसान की बात कही गई है।
पटना स्थित मुख्यमंत्री आवास एक अणे मार्ग पर आज आयोजित जनता दरबार के बाद संवाददाताओं से नीतीश ने कहा कि हम लोगों का गठबंधन कायम है। उन्होंने कहा जदयू और भाजपा का गठबंधन लंबे समय से चला आ रहा है और गठबंधन में शामिल घटक दलों का अलग-अलग दृष्टिकोण और उनकी अपनी-अपनी राजनीतिक दिशा होती है। हर दल का अपना स्वतंत्र कार्यक्रम होता है।
उन्होंने कहा कि सभी दल समय-समय पर अपने कार्यक्रमों का उल्लेख करते हैं और जब गठबंधन में सभी बात को ध्यान में रखकर बात की जाती है। नीतीश ने कहा कि हमने भी अपनी बात कही है और भाजपा के लोग भी अपनी बात कहते हैं और जब साथ बैठेंगे तो सारी बातों पर चर्चा होगी और उस पर बोलने का अभी सही समय नहीं है।
उल्लेखनीय है कि बिहार की 40 लोकसभा सीटों में से राजग की 34 सीटों में जदयू की 22 और भाजपा द्वारा जीती गई 12 सीटें शामिल हैं। नीतीश के बयान के कारण भाजपा और जदयू के अलग होने को लेकर लगाए जा रहे कयास के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा ये बात वे गठबंधन को लेकर नहीं बोलते बल्कि उस संदर्भ में बोलते हैं, ‘हममें और आप में से किसी ने कल नहीं देखा है। जीवन का ठिकाना नहीं रहता तो बाकी चीजों का क्या ठिकाना।’ नीतीश ने कहा कि हम लोगों का गठबंधन कायम है और चाहे वह सर्वे करने वाली एजेंसी या मीडिया हो। इसके बारे में कोई कयास लगाते हुए कोई बात की जाती है तो उन्‍हें इसकी स्वतंत्रता और यह उनका अधिकार है। उन्होंने कहा कि जहां तक सवाल है, इस तरह के सर्वे का एजेंसियां अलग-अलग तरह का सर्वे कराती रहती हैं।
भाजपा द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बनाए जाने पर राजग के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर नीतीश ने कहा कि हमें अगर-मगर में बातें नहीं करनी चाहिए। नीतीश ने मोदी का उनका नाम लिए बिना कहा कि खगडिया में सभा में कुछ प्रदर्शनकारियों के गैर अनुशासित कृत्य के बावजूद उन्होंने अपनी सभा जारी रखी थी और मधुबनी में घटी आगजनी और हिंसा की घटना के कारण वहां की विधि-व्यवस्था की समीक्षा के लिए अधिकार यात्रा को रद्द किया था। गौरतलब है कि मोदी ने रविवार को कहा था कि लोकप्रियता का दावा करने मुख्यमंत्री को प्रदर्शनकारियों के चलते अधिकार यात्रा रद्द करनी पड़ी थी।
नीतीश की सेवा यात्रा के दौरान गोपालगंज में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री का उम्मीदवार बताया जाने वाला पोस्टर लगाए जाने के बारे पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पोस्टर आदि कौन लगाता है, क्या करता है इस ओर वह ध्यान नहीं देते। (एजेंसी)

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