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नई दिल्ली : सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों ने वेतन-भत्ते तथा सेवा शर्तों में संशोधन से जुड़ी अपनी मांगों पर जोर देने के लिये 18 दिसंबर को एक दिन की देशव्यापी बैंक हड़ताल का से वित्तीय क्षेत्र का काम काज प्रभावित हो सकता है।
बैंक कर्मियों की विभिन्न यूनियों और भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के बीच मुख्य श्रम आयुक्त के समक्ष सोमवार को हुई सुलह बैठक में कोई सहमति नहीं बन सकी थी।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक अधिकारियों के संगठन ‘ऑल इंडिया बैंक आफीसर्स कन्फेडरेशन’ की जारी विज्ञप्ति के अनुसार बैंक कर्मचारियों का 9वां द्विपक्षीय वेतन एवं सेवा शर्तों से जुड़ा समझौता 31 अक्तूबर 2012 को समाप्त हो चुका है। इसे देखते हुये यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ 10वें द्विपक्षीय समझौते के लिये अपना मांग पत्र 30 अक्तूबर 2012 को ही सौंप दिया था।
कन्फेडरेशन के महासचिव हरविंदर सिंह ने यहां जारी विज्ञप्ति में कहा है कि मांग पत्र सौंपते समय बैंक यूनियंस ने मांगों को समयबद्ध तरीके से पूरा करने का आग्रह किया था। आईबीए ने भी समझौता जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
आईबीए ने 5 प्रतिशत वेतन वृद्धि की पेशकश की है जो यूनियनों को स्वीकार्य नहीं है। कन्फेडरेशन का कहना है कि बैंकिंग सुधार के नाम पर सरकार पीछे ले जाने वाले कदम उठा रही है। (एजेंसी)