किसानों का बकाया चुकाने के लिए चीनी मिलों को 6600 करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण

चीनी उद्योग की समस्याओं का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने आज ऐलान किया कि चीनी मिलों को 6600 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कर सकें। इसके साथ ही पेट्रोल में दस फीसदी एथनॉल मिलाने का भी फैसला किया गया है।

नई दिल्ली : चीनी उद्योग की समस्याओं का संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार ने आज ऐलान किया कि चीनी मिलों को 6600 करोड़ रूपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा ताकि वे गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान कर सकें। इसके साथ ही पेट्रोल में दस फीसदी एथनॉल मिलाने का भी फैसला किया गया है।

खाद्य एवं सार्वजनिक आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान ने लोकसभा में इस विषय पर पेश एक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर हुई चर्चा के जवाब में यह जानकारी देते हुए बताया कि यह पैसा सीधे किसानों के खातों में जाएगा ताकि मिलों द्वारा किसी प्रकार की हेराफेरी की कोई गुंजाइश ही नहीं रहे। उनके अनुसार गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 9252 करोड़ रूपये बकाया है।

उन्होंने कहा कि गन्ना किसानों से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए 14 अगस्त को सभी संबंधित किसानों, सहकारी समितियों और निजी चीनी मिलों के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलायी गयी है।

पासवान ने बताया कि चीनी मिलों को अतिरिक्त कार्यशील पूंजी के रूप में बैंकों द्वारा 6600 करोड़ रूपए का ब्याज मुक्त ऋण परिकल्पित है और इसके अलावा केन्द्र सरकार ने एक अन्य स्कीम अधिसूचित की जिसमें निर्यात बाजार के लिए लक्षित रॉ चीनी उत्पादन हेतु विपणन एवं संवर्धन सेवाओं के संबंध में प्रोत्साहन राशि की अनुमति प्रदान की गई है।

उन्होंने बताया कि इस स्कीमों के अंतर्गत उपलब्ध प्रोत्साहन राशि का उपयोग चीनी मिलों द्वारा किसानों को उनके बकाये का भुगतान करने के लिए दिया गया है।

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