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नई दिल्ली : पेट्रोलियम मंत्री एम वीरप्पा मोइली ने कम्युनिस्ट पार्टी के सांसद गुरूदास दासगुप्ता के आरोपों से इंकार करते हुये उच्चतम न्यायालय से कहा है कि उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज लि के साथ कोई पक्षपात नहीं किया है। उन्होंने दावा किया कि उनके खिलाफ गुरूदास दासगुप्ता के आरोप निराधार और राजनीति से प्रेरित हैं।
मोइली ने न्यायालय में दाखिल हलफनामे में कहा कि यह आरोप कि वर्तमान मंत्री को रिलायंस का पक्ष लेने के लिये शामिल किया गया है पूरी तरह निराधार और तथ्यहीन है और यह मानहानिकारक है। यह निराधार आरोप सिर्फ उनको ही नहीं बल्कि मंत्रिमंडल के गठन और विभागों के आबंटन की समूची प्रक्रिया को बदनाम करते हैं।
हलफनामे में कहा गया है कि इसके अलावा यही कहना है कि उन्होंने रिलायंस इंडस्ट्रीज लि के साथ कोई पक्षपात नहीं किया है और पंचाट की कार्यवाही निर्थक बनाने के लिये कोई आदेश भी नहीं दिया है जैसा कि याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है। पेट्रोलियम मंत्री केजी बेसिन विवाद में रिलायंस इंडस्ट्रीज लि का पक्ष लेने संबंधी दासगुप्ता और गैर सरकारी संगठन कामन कॉज के आरोपों का जवाब दे रहे थे। शीर्ष अदालत ने केन्द्र और अन्य प्रतिवादियों के साथ ही मोइली को भी नोटिस जारी किया था। इसी आदेश पर अमल करते हुये उन्होंने यह हलफनामा दाखिल किया है।
मोइली का तर्क है कि जनहित याचिका में उन्हें सिर्फ राजनीतिक कारणों से ही पक्षकार बनाया गया है। उन्होंने न्यायालय से अनुरोध किया कि इससे उनका नाम हटाया जाए। (एजेंसी)