मई में औद्योगिक उत्पादन 4.7 प्रतिशत बढ़ा, डेढ साल में सबसे बेहतर प्रदर्शन

विनिर्माण, बिजली और खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत मई में औद्योगिक उत्पादन 4.7 प्रतिशत बढ़ गया। पिछले करीब 19 माह में यह बेहतर प्रदर्शन रहा है। इससे आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद बंधी है। इससे पहले अक्तूबर 2012 में औद्योगिक उत्पादन में 8.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

मई में औद्योगिक उत्पादन 4.7 प्रतिशत बढ़ा, डेढ साल में सबसे बेहतर प्रदर्शन

नई दिल्ली : विनिर्माण, बिजली और खनन क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन की बदौलत मई में औद्योगिक उत्पादन 4.7 प्रतिशत बढ़ गया। पिछले करीब 19 माह में यह बेहतर प्रदर्शन रहा है। इससे आने वाले दिनों में आर्थिक गतिविधियों में सुधार की उम्मीद बंधी है। इससे पहले अक्तूबर 2012 में औद्योगिक उत्पादन में 8.4 प्रतिशत वृद्धि हुई थी।

चालू वित्त वर्ष के दौरान मई में लगातार दूसरे महीने औद्योगिक उत्पादन वृद्धि के आंकड़ों में वृद्धि दर्ज की गई। इससे पहले अप्रैल में इसमें 3.4 प्रतिशत वृद्धि रही थी। पूंजीगत सामान, टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं और इंटरमीडिएट सामानों के क्षेत्र में हुई वृद्धि का भी सकल औद्योगिक उत्पादन को बढ़ाने में योगदान रहा। पिछले साल मई में औद्योगिक उत्पादन 2.5 प्रतिशत घटा था।

केन्द्रीय सांख्यिकी संगठन (सीएसओ) के शुक्रवार को जारी औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-मई में इसमें 4 प्रतिशत वृद्धि रही जो कि एक साल पहले इन दो महीनों में 0.5 प्रतिशत घटी थी। आईआईपी में 75 प्रतिशत योगदान रखने वाले विनिर्माण क्षेत्र में मई के दौरान 4.8 प्रतिशत वृद्धि रही। एक साल पहले यह 3.2 प्रतिशत घटा था। खनन क्षेत्र में जहां पिछले साल मई में 5.9 प्रतिशत गिरावट आई थी वहीं इस मई में 2.7 प्रतिशत वृद्धि रही।

भारतीय उद्योग परिसंघ :सीआईआई: के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने कहा, ‘औद्योगिक उत्पादन के आंकड़ों में वृद्धि से उम्मीद बंधी है कि इसमें गिरावट का दौर अब बीत चुका और आने अब इसमें सुधार की शुरूआत होगी।’ एसोचैम अध्यक्ष राणा कपूर ने भी उम्मीद जताई है कि यह बेहतर संकेत है और उम्मीद है कि आगे भी यह रफ्तार बनी रहेगी। इससे चालू वित्त वर्ष के दौरान जीडीपी वृद्धि 5.5 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। हालांकि, मानसून इसमें बाधक बन सकता है।

चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-मई के दौरान विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर 3.7 प्रतिशत रही जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में इसमें 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी। मांग के प्रमुख मापक पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में इस साल मई में 4.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इसी माह में इसमें 3.7 प्रतिशत का संकुचन हुआ था।

अप्रैल-मई के दौरान पूंजीगत सामान उत्पादन में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि इससे पूर्व वर्ष इसी अवधि में इसमें 2.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी। खनन क्षेत्र की वृद्धि दर मई में 2.7 प्रतिशत रही, एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 5.9 प्रतिशत की गिरावट रही थी। अप्रैल-मई के दौरान क्षेत्र की वृद्धि दर 2.6 प्रतिशत रही जबकि एक वर्ष पूर्व उत्पादन में 4.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी।

बिजली उत्पादन मई में 6.3 प्रतिशत बढ़ा जबकि 2013 इसी महीने में इसमें 6.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अप्रैल-मई में बिजली उत्पादन 9 प्रतिशत बढ़ा जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 5.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी। कुल मिलाकर मई महीने में विनिर्माण क्षेत्र के 22 औद्योगिक समूह में से 16 में सकारात्मक वृद्धि दर्ज की गयी।

आईआईपी के आंकड़ों के अनुसार उपभोक्ता वस्तुओं के उत्पादन में मई के दौरान 3.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 6.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी। हालांकि अप्रैल-मई में क्षेत्र में 0.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी जबकि 2013-14 की इसी अवधि में इसमें 2.5 प्रतिशत की गिरावट रही थी।

उपभोक्ता (टिकाऊ-वस्तु) क्षेत्र में आलोच्य माह के दौरान 3.2 प्रतिशत की वृद्धि रही जबकि पूर्व वर्ष इसी महीने में इसमें 18.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी। अप्रैल-मई 2014 के दौरान इसमें 2.5 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि पिछले वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में इसमें 14 प्रतिशत की गिरावट रही थी। उपभोक्ता गैर-टिकाऊ वस्तुओं के उत्पादन में मई में 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल इसी महीने में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। अप्रैल-मई के दौरान क्षेत्र की वृद्धि दर 0.5 प्रतिशत रही जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 7.6 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।

मध्यवर्ती वस्तुओं के उत्पादन में मई महीने में 2.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि एक वर्ष पूर्व इसमें 1.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई। अप्रैल-मई के दौरान उत्पादन में 3 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले वित्त वर्ष के पहले दो महीनों में 1.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। प्राथमिक वस्तुओं के उत्पादन की वृद्धि दर मई में 6.3 प्रतिशत रही जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी। अप्रैल-मई के दौरान क्षेत्र की वृद्धि दर 6.8 प्रतिशत रही जबकि 2013-14 मे इसी अवधि के दौरान इसमें 0.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी।

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