ज़ी मीडिया ब्यूरो
नई दिल्ली: आनेवालों दिनों में एलपीजी सिलेंडर के दाम में भारी इजाफा हो सकता है। पेट्रोलियम मंत्रालय विशेषज्ञ समिति की सिफारिशों के अनुरूप मिट्टी के तेल व रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की राजनीतिक मामलों की समिति (सीसीपीए) के पास भेजेगा। पेट्रोलियम मंत्रालय की सिफारिश को अगर केंद्र सरकार ने हरी झंडी दिखाई तो प्रति एलपीजी सिलेंडर के दाम में 250 रुपये की बढ़ोतरी हो सकती है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने 250 रुपये गैस सिलेंडर पर दाम बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। उधर पेट्रोलियम मंत्री धर्मेश प्रधान ने ज़ी मीडिया के साथ खास बातचीत में ऐसे किसी भी प्रस्ताव से इंकार किया है। उन्होंने डीजल ,केरोसिन और एलपीजी के दाम बढ़ाने से इंकार किया है।
पेट्रोलियम मंत्रालय ने केरोसिन के दाम में चार से पांच रुपये प्रति लीटर इजाफे का प्रस्ताव दिया है। पेट्रोलियम मंत्रालय किरीट पारेख समिति की उन सिफारिशों को राजनीतिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति में ले जाएगी जिनमें मिट्टी के तेल के दाम 4-5 रुपये प्रति लीटर व एलपीजी के 250 रपये प्रति सिलेंडर बढ़ाने की सिफारिश की गयी है। पेट्रोलियम मंत्रालय सीसीपीए से प्रस्ताव करेगा कि डीजल कीमतों में मासिक 40 से 50 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी जारी रखी जाए।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पेट्रोलियम मंत्रालय डीजल, मिट्टी तेल और रसोई गैस के दाम पर विचार करने के वास्ते सीसीपीए का मसौदा तैयार कर रहा है। पिछली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के डीजल के दाम में 40 से 50 पैसे प्रतिमाह वृद्धि करने के फैसले की पुष्टि करते हुये मंत्रालय संभवत: इसके दाम में 3.40 रुपये प्रति लीटर का नुकसान समाप्त होने तक वृद्धि जारी रखने का प्रस्ताव कर सकता है।
मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए उसे डीजल के दाम नियंत्रण मुक्त करने की अनुमति दे जैसा कि पेट्रोल के मामले में किया गया। पेट्रोल के दाम जून 2010 में नियंत्रण मुक्त किये जा चुके हैं। पेट्रोल के दाम नियंत्रण मुक्त होने के बाद से हर महीने की पहली और 16वीं तारीख को दाम की समीक्षा की जाती है। कुछ मौकों को छोड़कर तबसे पेट्रोल के दाम उसकी वास्तविक लागत के अनुरूप तय हो रहे हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय चाहता है कि सीसीपीए योजना आयोग के पूर्व सदस्य किरीट एस. पारीख की अध्यक्षता वाले विशेषज्ञ समूह की सिफारिशों पर विचार करे। समिति ने पिछले साल अक्तूबर में सरकार को सौंपी अपनी सिफारिशों में डीजल के दाम 5 रुपये, मिट्टी तेल के दाम 4 रुपये और घरेलू इस्तेमाल वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम 250 रुपये प्रति सिलेंडर बढ़ाने का सुझाव दिया था ताकि 72,000 करोड़ रुपये के सब्सिडी बिल को कम किया जा सके।
मिट्टी तेल, रसोई गैस और डीजल के दाम नहीं बढ़ने की सूरत में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों को चालू वित्त वर्ष के दौरान 1,07,850 करोड़ रपये का नुकसान हो सकता है। इस नुकसान की भरपाई सरकार की तरफ से कंपनियों को दी जाने वाली नकद सब्सिडी और तेल उत्पादक क्षेत्र की कंपनियों ओएनजीसी, ऑयल इंडिया तथा गेल के योगदान से पूरा करना पड़ता है।
पारिख समिति ने एक साल के भीतर डीजल की पूरी सब्सिडी समाप्त करने और सस्ते सिलेंडर की आपूर्ति एक साल में छह सिलेंडर पर सीमित करने की सिफारिश की थी। इस समय हर साल प्रति परिवार 12 सस्ते सिलेंडर की आपूर्ति की जाती है। हालांकि, पेट्रोलियम मंत्रालय समिति की इस सिफारिश को सीसीपीए के पास नहीं ले जा रहा है। वित्त मंत्रालय तेल कंपनियों के लिये सब्सिडी निर्धारण का निर्यात समान मूल्य तय करने के पक्ष में है। वर्तमान में यह व्यापार समान मूल्य के आधार पर तय किये जाते हैं। निर्यात समान मूल्य के आधार पर सब्सिडी में 13,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
(एजेंसी इनपुट के साथ)