बदायूं गैंगरेप-हत्याकांड: उत्तर प्रदेश छोड़ने की तैयारी में पीड़ित परिवार

उत्तर प्रदेश के बदायूं में वहशियों के हाथों अपनी दो बेटियों को खो चुका परिवार अब अपनी जान के खतरे को लेकर आशंकित है। सुरक्षा मिलने के बावजूद बेहद डरे हुए परिजन अब सूबा छोड़कर दिल्ली में जा बसने का मन बना चुके हैं।

बदायूं : उत्तर प्रदेश के बदायूं में वहशियों के हाथों अपनी दो बेटियों को खो चुका परिवार अब अपनी जान के खतरे को लेकर आशंकित है। सुरक्षा मिलने के बावजूद बेहद डरे हुए परिजन अब सूबा छोड़कर दिल्ली में जा बसने का मन बना चुके हैं।
उनका कहना है कि वे दिल्ली में रहकर अपनी बेटियों के लिए न्याय की जंग लड़ेंगे और तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक उनके गुनहगारों को फांसी नहीं हो जाती। परिवार के मुखिया का कहना है कि उन्हें पुलिस की सुरक्षा मिलने के बावजूद लगातार तरह-तरह की धमकियां दी जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि आज तो मीडिया इस मामले को दिखा रहा है और बड़े-बड़े लोग भी उनका हाल लेने आ रहे हैं। लेकिन जैसे ही मामला कुछ ठंडा होगा, दबंग उनके पूरे परिवार को खत्म कर डालेंगे। उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सादतगंज गांव में गत 27 मई को सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर लटकाई गई युवतियों में से एक के पिता ने कहा कि उन्हें डर है कि अगर उनका परिवार गांव में रहा तो उसका खात्मा कर दिया जाएगा।
उनका कहना है कि पूरा परिवार गांव और जिला तो दूर, उत्तर प्रदेश ही छोड़ देगा। उन्होंने कहा कि परिवार सब कुछ छोड़कर दिल्ली जाने का मन बना चुका है और इसकी तैयारी भी कर रहा है। वह दिल्ली में रहकर तब तक न्याय की लड़ाई लड़ेगा जब तक उनकी बच्चियों के गुनहगारों को फांसी की सजा नहीं हो जाती। परिवार के मुखिया का आरोप है कि पुलिस पहले ही दिन से इस मामले को दबाने और हल्का करने में जुटी है। गांव में दबंग लगातार सक्रिय हैं और आरोपियों को बचाने के लिये उनको तथा उनके परिवार को विभिन्न माध्यमों से धमकियां दी जा रही हैं। उन्हें मलाल है कि बाकी सभी दलों के नेता बदायूं आये लेकिन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव नहीं पहुंचे।
गौरतलब है कि उसहैत थाना क्षेत्र के कटरा सादतगंज क्षेत्र में गत 27 मई की रात शौच के लिए गयी 14 तथा 15 साल की चचेरी बहनों के शव अगले दिन सुबह एक बाग में पेड़ पर फांसी से लटकते पाये गये थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उनकी सामूहिक बलात्कार के बाद फांसी पर चढ़ाकर हत्या किया जाने की पुष्टि हुई थी। इस मामले में दो पुलिसकर्मियों समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। उनमें से पांच को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों आरोपी पुलिसकर्मियों को बर्खास्‍त कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पीड़ित परिजन को पूरी सुरक्षा तथा पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का एलान किया था, जिसे परिजन ने ठुकरा दिया था। मुख्यमंत्री ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। (एजेंसी)

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