नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार गुजरात कैडर के निलंबित वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन को आज जमानत प्रदान कर दी। प्रधान न्यायाधीश पी. सदाशिवम, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई और न्यायमूर्ति एनवी रमना की पीठ ने पांडियन को राहत प्रदान की।
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी ने जमानत के लिए दिसंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले 20 नवंबर 2013 को बंबई उच्च न्यायालय ने पांडियन की जमानत याचिका रद्द कर दी थी। सीबीआई ने उच्च न्यायालय से यह कहते हुए पांडियन की जमानत याचिका का विरोध किया था कि वह इस हत्या के एक प्रमुख आरोपी हैं जिसने कथित फर्जी मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन और कौसर बी की हत्या से पहले दोनों को हैदराबाद में पकड़ा था।
उच्चतम न्यायालय ने कथित फर्जी मुठभेड़ का यह मामला अहमदाबाद से मुंबई भेज दिया था जिसके बाद से पांडियन गुजरात कैडर के अन्य वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी अभय चूडासामा, राजस्थान कैडर के आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ नवी मुंबई की तलोजा जेल में बंद हैं।
गुजरात के पूर्व गृह राज्य मंत्री एवं वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह भी इस मामले में आरोपी हैं। वह जमानत पर बाहर हैं। आरोप है कि गुजरात के आतंकवाद निरोधी दस्ते ने सोहराबुद्दीन और उसकी पत्नी का अपहरण हैदराबाद से कर उनकी हत्या गांधीनगर के निकट कर दी थी। (एजेंसी)
Sohrabuddin encounter
सोहराबुद्दीन मुठभेड़: पूर्व IPS अफसर को मिली बेल
उच्चतम न्यायालय ने सोहराबुद्दीन शेख और उसकी पत्नी कौसर बी की कथित फर्जी मुठभेड़ में हत्या के सिलसिले में गिरफ्तार गुजरात कैडर के निलंबित वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी राजकुमार पांडियन को आज जमानत प्रदान कर दी।
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