आज की फिल्मों में सामाजिक संदेश नहीं : अनूप जलोटा

सुप्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा ने कहा है कि आज कल फिल्में केवल मनोरंजन और व्यवसाय के लिए बनती हैं और ऐसे दौर में फिल्मों में किसी तरह का संदेश नहीं होता है।

नई दिल्ली : सुप्रसिद्ध भजन गायक अनूप जलोटा ने कहा है कि आज कल फिल्में केवल मनोरंजन और व्यवसाय के लिए बनती हैं और ऐसे दौर में फिल्मों में किसी तरह का संदेश नहीं होता है।
जलोटा ने अपने 59 वें जन्मदिन पर कहा, मुझे भजन गाने में मानसिक संतुष्टि और आंतरिक आनंद मिलता है, लेकिन अभी भी अपने स्टेज कार्यक्रमों में मैं गजल गाता हूं।..और गत शुक्रवार को हरिहरन और तलत अजीज के साथ कार्यक्रम के दौरान गजल गायी है और लगातार गा रहा हूं।
फिल्मों के बारे में उन्होंने कहा, आजकल फिल्में केवल मनोरंजन और व्यापार के लिए बन रही है और संदेश के बारे में नहीं सोचा जाता है, जबकि एक ऐसा दौर भी था जब फिल्मों का प्रमुख ध्येय संदेश होता था।
उन्होंने कहा, वर्तमान दौर की सफल फिल्मों में नकारात्मक संदेश होता है और यही बड़ा कारण है कि अब फिल्मों के संगीत की उम्र लंबी नहीं होती।
धार्मिक चैनलों से भजन को होने वाले लाभ के बारे में उन्होंने कहा, भजन को किसी तरह के ‘प्रमोशन’ की जरूरत नहीं है। हर महीने हमारे यहां एक दो त्यौहार आ जाते है, जिसमें भजन गाए जाते है और इसके रिकार्ड बजते है। यह एक सक्षम और सुदृढ़ विद्या है, जो बिना ‘वीडियो सॉन्ग’ के ही बेहद लोकप्रिय है। वहीं, पॉप गीतों के लिए वीडियो बनाना जरूरी होता है।
गौरतलब है कि अनूप जलोटा के बीते 30 सालों में 200 से अधिक एलबम रिलीज हो चुके है और वह नौ भाषाओं में गाना गा चुके है। उन्होंने 2000 से अधिक भजन, गजल और गीत गाए हैं और 5000 से अधिक लाइव कार्यक्रम दिए हैं।
अनूप जलोटा ने कहा, हिन्दुस्तान में संगीत को बढ़ावा देने में आकाशवाणी का बहुत बड़ा हाथ है, जिसके कारण आज हम उस्ताद बिस्मिल्लाह खां की शहनाई और पंडित रविशंकर का सितार सुनते हैं। (एजेंसी)

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