बगदाद: इराक में संकट गहराने के साथ यहां के नेतृत्व पर नयी सरकार के गठन को लेकर दबाव बढ़ गया है ताकि सुन्नी चरमपंथियों का मुकाबला किया जा सके। संसद की कार्यवाही से कल कई सुन्नी और कुर्द सांसद अनुपस्थित रहे जिसकी वजह से नए स्पीकर का चुनाव भी नहीं हो सका।
जेहादियों के नेतृत्व में चरमपंथियों के हमलों के कारण प्रधानमंत्री नूरी अल मलिकी के लिए तीसरा कार्यकाल मिल पाना काफी मुश्किल है। जातिवाद और सत्ता के एकाधिकार वाद के आरोप भी उनकी मुश्किलों में इजाफा कर रहे हैं। मौजूदा संकट से लाखों लोग बेघर हुए हैं तथा इराक के लोग शिया, सुन्नी और कुर्दिश के तौर पर बंट गए हैं। इस संकट ने वैश्विक नेताओं को भी चिंता में डाल दिया है।
कुर्द सांसद नजीबा नजीब ने नए स्वीकर के चुनाव के प्रयासों को बाधित किया और कहा कि इराकी सरकार गतिरोध खत्म करे और इराक के स्वायत्त कुर्द क्षेत्र के लिए बजट भेजे। पीठासीन सांसद महदी हफीज ने कहा कि अगर नेता वरिष्ठ पदों को लेकर सहमत हो जाते हैं तो संसद का सत्र आठ जुलाई को फिर से बुलाया जाएगा।