पाकिस्तान में सरकार के साथ बातचीत की मेज पर लौटे प्रदर्शनकारी

पाकिस्तान में कई हफ्तों के संकट के बाद, राजनीतिक गतिरोध में एक बार फिर कमी आती हुई नजर आई जब प्रदर्शनकारी सरकार के साथ बातचीत की मेज पर लौट आए और एक मध्यस्थ ने कहा कि ‘ठोस समाधान’ निकालने के प्रयास हो रहे हैं।

पाकिस्तान में सरकार के साथ बातचीत की मेज पर लौटे प्रदर्शनकारी

इस्लामाबाद : पाकिस्तान में कई हफ्तों के संकट के बाद, राजनीतिक गतिरोध में एक बार फिर कमी आती हुई नजर आई जब प्रदर्शनकारी सरकार के साथ बातचीत की मेज पर लौट आए और एक मध्यस्थ ने कहा कि ‘ठोस समाधान’ निकालने के प्रयास हो रहे हैं।

संसद में इमरान खान नीत पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के सांसदों और सरकार समर्थित नेताओं के बीच वाक्युद्ध के बाद यह सकारात्मक घटनाक्रम हुआ है। पीटीआई के कुछ सांसदों ने इस्तीफे दिये थे लेकिन स्पीकर ने उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किये। एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम के तहत, जमात ए इस्लामी प्रमुख सिराजुल हक के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं की एक समिति ‘जिरगा’ ने बुधवार शाम पीटीआई नेताओं से बातचीत की।

खान और पाकिस्तान अवामी तहरीक :पीएटी: के धर्मगुरू ताहिर उल कादरी मंगलवार देर रात नवाज शरीफ नीत सरकार और पिछले साल हुए आम चुनावों में कथित धांधली को लेकर प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों के बीच मध्यस्थता के लिए विपक्षी नेताओं की एक समिति ‘जिरगा’ से बातचीत करने पर सहमत हुए थे। समिति से मिलने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए पीटीआई के वरिष्ठ नेता शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उनकी पार्टी आगे बढ़ने को तैयार है।

उन्होंने कहा, ‘पीटीआई लोकतांत्रिक तरीके से आगे बढ़ने को सहमत है।’ संयुक्त मीडिया संबोधन में हक ने कहा, ‘बैठक लाभकारी रही। गतिरोध अब भी कायम है, लेकिन 70 प्रतिशत काम पूरा हो गया है। हमें विश्वास है कि जल्द ही ठोस समाधान निकलेगा।’ उन्होंने कहा, ‘मैं सरकार को सलाह देना चाहूंगा कि वह बयान जारी करने से बचे, जो नकारात्मकता फैलाता है। अगर दोनों पक्ष सहनशीलता दिखाएं तो हम इस संकट को खत्म करने से बहुत दूर नहीं हैं।’

पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता रहमान मलिक ने कहा, ‘पीटीआई ने परिपक्वता दिखाई और कुछ भी नकारात्मक नहीं कहा। मैं प्रधानमंत्री की टीम से किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बात नहीं करने का अनुरोध करता हूं। हमने पीएटी की समिति से बातचीत के जरिये मसला सुलझाने का अनुरोध किया है।’ उन्होंने कहा, ‘सभी शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं। मुझे विश्वास है कि अगले 24 से 48 घंटों में चीजें सामान्य हो जाएंगी।’

इससे पहले बुधवार को संसद के संयुक्त सत्र में पीटीआई को छोड़कर सभी दल अपने मतभेद भुलाकर इन प्रयासों के खिलाफ एकजुट हुए जिन्हें इन नेताओं ने लोकतांत्रिक प्रक्रिया को पटरी से उतारने के कथित प्रयास करार दिया। बीते तीन हफ्तों से जारी गतिरोध आज संसद के अंदर तक पहुंच गया जब सदस्यों के बीच गरमागरम बहस हुई।

संसद में जोशीले भाषण जारी रहे और पीटीआई के वरिष्ठ नेता कुरैशी ने अपनी पार्टी की ओर से सरकार समर्थित नेताओं के आरोपों का जवाब देने का नेतृत्व किया।  कुरैशी ने कहा, ‘हम संसद को बचाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं, इसे बर्बाद करने के लिए नहीं। पीटीआई लोकतंत्र को कमतर करने की बड़ी योजना का हिस्सा न कभी था और ना ही कभी रहेगा।’

उन्होंने सत्तारूढ़ पीएमएल (एन) द्वारा इस्लामाबाद में सेना की तैनाती के संदर्भ में कहा, ‘हम पाकिस्तान राष्ट्र की दिशा में प्रदर्शन कर रहे हैं। मैं आधिकारिक रूप से कहना चाहता हूं, मेरी पार्टी अनुच्छेद 245 लगाने का विरोध करती है।’ कुरैशी के भाषण के बाद पीटीआई के सांसदों के बहिर्गमन किया और फिर विपक्षी नेता खुर्शीद शाह ने कहा, ‘नवाज सच में अपने नाम से ज्यादा शरीफ हैं। मैं आभारी हूं कि प्रधानमंत्री मेरी सलाह पर संयुक्त सत्र बुलाने पर सहमत हुए। संसद को यह संयुक्त प्रस्ताव पारित करने के लिए जंग लड़नी थी और उसने लड़ी कि प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देंगे।’

शाह ने कहा, ‘यह सदन की जीत है कि पीटीआई का एक नेता आया और उसने कहा कि उसकी पार्टी संसद के खिलाफ कपटपूर्ण साजिश में शामिल नहीं है।’ उन्होंने कहा कि ताहिर उल कादरी संविधान को नहीं मानते, लोकतंत्र को नहीं मानते। पीएटी राजनीतिक दल नहीं है। संसद का सत्र कल सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया गया।

शरीफ संसद में सुबह मौजूद थे लेकिन कुरैशी का भाषण शुरू होने पर सदन से चले गये। पीटीआई सांसदों के संसद से जाने के बाद वह वापस लौट आए। उधर, उच्चतम न्यायालय ने आज राजनीतिक संकट को खत्म करने के लिए राजनीतिक दलों को कल तक अपने सुझाव देने का निर्देश दिया। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने जुल्फिकार नकवी के अनुरोध के अनुसार संसद के सभी दलों को नोटिस भेजे।

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