नई दिल्ली : भारत और चीन को डॉलर की जगह अपनी मुद्राओं रुपये और रेनमिनबी में कारोबार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि इससे जोखिम तथा विनिमय लागत घटेगी। यह बात सोमवार को रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने कही।
अंबानी भारत-चीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) फोरम के भारत की ओर से अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने 2012 में रुपये और रेनमिनबी के बीच हर साल एक अरब डॉलर व्यापार की सीमा निर्धारित की थी। अम्बानी ने यहां पहले सीईओ फोरम को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस व्यवस्था के तहत कोई व्यापार नहीं हुआ है। उन्होंने प्रतिभागियों को अवसरों का लाभ उठाने का सुझाव दिया।
अंबानी ने कहा कि भारतीय कम्पनियां खासकर बीमा क्षेत्र की कम्पनियां चीन कम्पनियों से इक्वि टी फंडिंग चाहेंगी। उन्होंने मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र में सहयोग की जरूरत बताई और एक दूसरे देशों में फिल्मों की शूटिंग की सिफारिश की, जिससे दोनों देशों में यात्रा और पर्यटन का विस्तार हो सकता है।
फोरम के चीन की ओर से अध्यक्ष और चाइना डेवलपमेंट बैंक के अध्यक्ष हू हुआईबंग ने कहा कि दोनों देशों की सरकारों द्वारा तय किया गया 2015 तक 100 अरब डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार का लक्ष्य जल्द ही हासिल हो सकता है, यदि दोनों देशों की कंपनियां रचनात्मक ढंग से एक दूसरे से जुड़ें। फोरम के सम्मेलन में भारत और चीन की 20 बड़ी कम्पनियों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों ने हिस्सा लिया। (एजेंसी)
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भारत, चीन अपनी मुद्रा में व्यापार करें: अनिल अंबानी
भारत और चीन को डॉलर की जगह अपनी मुद्राओं रुपये और रेनमिनबी में कारोबार करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, क्योंकि इससे जोखिम तथा विनिमय लागत घटेगी। यह बात सोमवार को रिलायंस समूह के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने कही।
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