`भारत, चीन व्यापार असंतुलन बढ़ता रहेगा`
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`भारत, चीन व्यापार असंतुलन बढ़ता रहेगा`

भारत और चीन के बीच व्यापार असंतुलन लगातार बढ़ता रह सकता है। यह बात यहां विशेषज्ञों ने कही। एक विशेषज्ञ ने तो यह भी कहा कि भारत को चीन में विनिर्मित उत्पादों की अधिक आवश्यकता है। चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग भारत यात्रा पर हैं।

बीजिंग : भारत और चीन के बीच व्यापार असंतुलन लगातार बढ़ता रह सकता है। यह बात यहां विशेषज्ञों ने कही। एक विशेषज्ञ ने तो यह भी कहा कि भारत को चीन में विनिर्मित उत्पादों की अधिक आवश्यकता है। चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग भारत यात्रा पर हैं।
प्रधानमंत्री के रूप में यह उनकी पहली विदेश यात्रा है। इस दौरान समाचार पत्र चाइना डेली ने विशेषज्ञों से बात की, जिसमें विशेषज्ञों ने कहा कि व्यापार असंतुलना बढ़ता रहेगा और इस स्थिति को बदलना काफी कठिन होगा। चाइनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंस में दक्षिण एशियाई अध्ययन के शोधार्थी लियु शियाओशू ने कहा कि चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा बढ़ रहा है। निकट अवधि में इसका समाधान कठिन है। यह असंतुलन इसलिए है क्योंकि चीन के लिए भारत का निर्यात सीमित है। जबकि चीन में बने सामानों को भारत में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ हासिल है।
लियु ने कहा कि हाल के वर्षों में चीन का धीमा विकास, इस्पात और लोहा क्षेत्र में अधिक उत्पादन, और रियल एस्टेट क्षेत्र में सरकार की सख्त नीति के कारण चीन में भारतीय कच्चे माल की मांग घट गई, जो भारत के निर्यात में बड़ी भूमिका निभाते हैं। चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ कंटेम्परेरी इंटरनेशनल रिलेशंस में दक्षिण और दक्षिणपूर्व एशियाई और समुद्री अध्ययन के निदेशक हू शिशेंग ने कहा कि व्यापार असंतुलन की जड़ भारत की व्यापार संरचना में है। हू ने कहा कि निकट भविष्य में असंतुलन में बदलाव नहीं होगा। बदलाव तभी हो सकता है, जब भारत चीन में मांग को पूरा कर सकने लायक सामानों का निर्यात कर सके।
उन्होंने कहा कि भारत को चीन में बने सामानों की अधिक जरूरत है, जबकि चीन ने कच्चे माल के आयात के लिए स्रोतों में विविधता लाई है। (एजेंसी)

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