Raksha Panchami 2022: रक्षाबंधन के अलावा रक्षा पंचमी पर भी बांध सकते हैं राखी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
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Raksha Panchami 2022: रक्षाबंधन के अलावा रक्षा पंचमी पर भी बांध सकते हैं राखी, जानें शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

Raksha Panchami 2022: रक्षापंचमी के दिन भगवान शिव, श्री गणेश और नाग देवता की पूजा की जाती है. इस दिन रक्षाबंधन की तरह ही रक्षासूत्र बांधने की परंपरा है. आइए जानें इसका महत्व और शुभ मुहूर्त के बारे में. 

 

फाइल फोटो

Raksha Panchami 2022 Shubh Muhurat: हिंदू धर्म में हर त्योहार, तिथि और पर्व का अपना विशेष महत्व है. भाद्रपद माह की शुरुआत हो चुकी है. इसके कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि को रक्षा पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन भगवान शिव, गणेश जी और नाग देवती की पूजा की जाती है. रक्षा पंचमी का पर्व 16 अगस्त यानी कि आज के दिन पड़ रहा है. इसे रेखा पंचमी, शांति पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. अगर इस बार किसी कारण से बहनें भाइयों की कलाई पर राखी नहीं बांध पाई हैं, तो वे रक्षा पंचमी के दिन भी बांध सकती हैं. 

रक्षापंचमी के दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधना बेहद शुभ माना जाता है. इस बार दो दिन राखी होने के कारण लोगों को कंफ्यूजन रह गया था. ऐसे में वे लोग रक्षापंचमी के दिन भी राखी बांध सकते हैं. आइए जानते हैं इस पर्व का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि के बारे में. 

रक्षा पंचमी शुभ मुहूर्त 2022

रक्षा पंचमी तिथि का प्रारंभ 15 अगस्त रात 09 बजकर 01 मिनट से शुरू हुआ था और 16 अगस्त मंगलवार शाम 06 बजकर 17 मिनट तक पंचमी तिथि रहेगी. रक्षा पंचमी के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा  है. इस दिन रवि योग रात 09 बजकर 07 मिनट से अगले दिन सुबह 05 बजकर 51 मिनट तक रहेगा. वहीं, सर्वार्थ सिद्धि योग रात 9 बजकर 7 मिनट से शुरू होकर 17 अगस्त को शाम 5 बजकर 51 मिनट तक. 

यूं बांधें भाइयों के राखी

आज के दिन भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए बेहद शुभ है. इस दिन भगवान शिव, गणेश जी और नाग देवता की पूजा के बाद भाई के माथे पर तिलक लगाएं. राखी बांधे और मिठाई खिलाकर भाई की आरती उतारें. 

नाग देवता की पूजा का है विधान

बता दें कि हिंदू धर्म में रक्षा पंचमी तिथि को नाग पंचमी और गोगा पंचमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन नाग देवता और गोगा देवता की पूजा का विधान है. पूजा के दौरान दूध, पानी, रोली, अक्षत, आदि चीजें अर्पित की जाती है. साथ ही, संतान की लंबी आयु के लिए व्रत रखा जाता है.

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(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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