पितृ पक्ष में नई चीजें खरीदने की क्‍यों की जाती है मनाही? जान लें वजह
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पितृ पक्ष में नई चीजें खरीदने की क्‍यों की जाती है मनाही? जान लें वजह

Pitru Paksha Rules in Hindi: अक्सर सुनने में आता है कि श्राद्ध के दौरान नया सामान नहीं खरीदना चाहिए. इसके पीछे कई तरह के शुभ-अशुभ फल मिलने की बात कही जाती है.

पितृ पक्ष में नई चीजें खरीदने की क्‍यों की जाती है मनाही? जान लें वजह

Shradh 2023 in Hindi: हिंदू धर्म में श्राद्ध या पितृ पक्ष के 15 दिन के समय को बहुत महत्‍वपूर्ण माना गया है. इस दौरान पितरों की आत्‍मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं. इस साल पितृ पक्ष 29 सितंबर 2023 से शुरू हो रहे हैं और 14 अक्‍टूबर 2023 को समाप्‍त होंगे. पितृ पक्ष के इन 15 दिनों के लिए धर्म-शास्‍त्रों में कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने के लिए कहा जाता है. ताकि पितरों की आत्‍मा को शांति मिले, वे प्रसन्‍न होकर आशीर्वाद दें. पूर्वजों के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.  

पितृ पक्ष में क्‍यों नहीं खरीदते नई चीजें 

पितृ पक्ष के 15 दिनों को लेकर कई नियम बताए गए हैं. इन नियमों का मकसद ये है कि यह समय पितरों के सम्‍मान में बिताए जाएं. माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान पितरों की आत्‍माएं मृत्‍यु लोक में विचरण करती हैं. इस कारण इस समय पितरों को प्रसन्‍न करने वाले काम करने चाहिए. जैसे- श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, दान-पुण्‍य आदि. वहीं कुछ कामों से बचना भी चाहिए. मान्‍यता है कि पितृ पक्ष में नई चीजें जैसे-कपड़ा, सोना, गाड़ी, घर आदि नहीं खरीदने चाहिए. साथ ही पितृ पक्ष में नए काम करने की मनाही भी की जाती हैं. इसके पीछे कुछ वजहें बताई जाती हैं. 

दरअसल, पितृ पक्ष का समय पितरों के प्रति सम्‍मान व्‍यक्‍त करने और उन्‍हें याद करने का होता है. यदि व्‍यक्ति इस दौरान शॉपिंग, नए काम करने, जश्‍न मनाने में समय बिताए तो इसे उचित नहीं माना जाता है क्‍योंकि यह समय शोक प्रकट करने का होता है. ऐसे में नए सामान खरीदने, नए काम शुरू करके उस पर ध्‍यान देने से पितरों को अपमान होता है. जबकि इस समय में पितरों को ही याद करना चाहिए. हालांकि पूजा-पाठ या दान-पुण्‍य करने के लिए नई चीजें खरीदी जा सकती हैं. 

पितृ पक्ष में नहीं खाना चाहिए नॉनवेज 

इसके अलावा पितृ पक्ष में नॉनवेज, शराब का सेवन करने की भी मनाही की जाती है. ऐसा करने से व्‍यक्ति को पूजा-पाठ से ध्‍यान हट जाता है और इससे पितृ नाराज हो जाते हैं. पितृ पक्ष के दौरान सात्विक भोजन ही करना चाहिए. साथ ही इस समय में ब्राह्मणों, गरीबों को भोजन करने के साथ-साथ कुत्‍ते, कौवे और गाय को भोजन जरूर कराना चाहिए. पितृ पक्ष में गरीबों को दान जरूर करना चाहिए.  

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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