Mirror in House: दर्पण या आईना यानी कि मिरर का हमारे जीवन से गहरा कनेक्शन है. देखने में तो यह एक सामान्य चीज है, किंतु इसका गलत स्थान पर प्रयोग व्यक्ति की आयु तक कम कर सकता है. आइए जानते हैं कि क्या है आईने का स्वभाव और कैसा है इसका व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव.
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Vastu Tips for Mirror: आईने के सामने जो वस्तु आती है, उसमें उसी का उल्टा प्रतिबिंब दिखता है. आईने के सामने ऑब्जेक्ट की जितनी दूरी होती, उसकी वर्चुअल इमेज भी उतनी ही दूरी पर बनती है. वास्तु शास्त्र में किसी भी स्थान का घटने या बढ़ने के गंभीर परिणाम होते हैं. सही स्थान पर बढ़ने से समृद्धि और सफलता मिलती है और प्रतिकूल स्थान पर बढ़ने से व्यक्ति के प्राण तक संकट में आ जाते हैं, उसका मान सम्मान प्रतिष्ठा नौकरी व्यवसाय सब धूमिल हो जाता है.
आईना गलत तो गंभीर वास्तु दोष
आईना या मिरर खरीदते समय ध्यान रखना चाहिए कि उसमें चेहरा साफ दिखे, धुंधला या विकृत चेहरा दिखाने वाला आईना बुरा प्रभाव डालता है. ऐसे आईने से घर में रोग में वृद्धि होती है. घर में कभी भी गोलाकार या त्रिभुजाकार आईना नहीं लगाना चाहिए. मंदिर की बात अलग है.
बेडरूम में न हो आईना
बेडरूम में आईना नहीं होना चाहिए. कई लोगों के यहां बेडरूम की वार्डरोब के पल्लों पर आईना लगा होता है. ऐसे लोगों के यहां बीमारी पीछा नहीं छोड़ती और आयु क्षीण होने लगती है. आईने में व्यक्ति का लेटा हुआ प्रतिबिंब पड़ना बहुत खराब होता है, यह घातक है, इसे या तो हटा दें या उस पर पर्दा डाल दें. यह दांपत्य जीवन में दरार कराता है और बात अलगाव तक पहुंच जाती है.
दक्षिण से पश्चिम के बीच न हो आईना
दक्षिण से पश्चिम के बीच में एक भी आईना नहीं होना चाहिए, किंतु यह पैमाइश कमरे की नहीं बल्कि भूमि के आधार पर की जाती है. इस स्थिति में मिरर होने पर घर के मालिक के आंतरिक अंग जैसे अपेंडिक्स लीवर आदि बढ़ जाता है. दुर्घटना होने की आशंका बनी रहती है.
मुख्य द्वार के सामने लगाने की न करें भूल
वास्तु के अनुसार, मुख्य द्वार से आने वाली सकारात्मक ऊर्जा मिरर से टकरा कर वापस चली जाती है. इसी तरह बाथरूम में दक्षिण और पश्चिम की दीवार पर बेसिन व आईना नहीं होना चाहिए. बाथरूम से निकलते हुए सामने की दीवार पर आईना नहीं होना चाहिए यानी नहाकर बाहर आने पर आपकी इमेज रिफ्लेक्ट नहीं होनी चाहिए.
कहां लगाएं आईना?
उन्नति और घर के लाभ के लिए घर के उत्तर और पूर्वी दीवार पर आईना लगाएं. वास्तु के अनुसार, व्यवसाय में हुए घाटे को पूरा कर धन प्राप्त होता है. यदि जिंदगी की कुछ समस्याएं ऐसी हैं, जिनके उत्तर नहीं मिल रहे हैं तो उत्तर दिशा में आईना लगाने से समाधान होने लगता है. संतान से संबंधित कोई परेशानी होने पर ईशान कोण यानी कि उत्तर-पूर्व में आईना लगाना चाहिए.संतान की उन्नति होती है, यदि आंगन में सूनापन है तो बच्चों की किलकारी गूंजने लगती है. कमरों में भी ईशान कोण में लगाना ठीक रहता है. वहीं, जो लोग राजनीति में हैं और जनसंपर्क बढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें पूर्व दिशा में आईना लगाना चाहिए.
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