DA Hike in Chhattisgarh : मजदूर दिवस पर गुजरात के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सरकार के कर्मचारियों का डीए 5 प्रतिशत बढ़ाने का ऐलान किया. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने यह बढ़ातरी 1 मई से लागू करने की बात कही है.
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7th Pay Commission Chhattisgarh govt DA Hike: केंद्र सरकार की तरफ से पिछले दिनों महंगाई भत्ता बढ़ाए जाने के बाद राज्य सरकारों की तरफ से इस पर घोषणाएं की जा रही हैं. रविवार को गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल (Bhupendra Patel) ने राज्य सरकार के कर्मचारियों का डीए बढ़ाने (DA Hike) का ऐलान किया था. इसके बाद रविवार देर रात छत्तीसगढ़ सरकार ने भी अपने कर्मचारियों को मजदूर दिवस के मौके पर डीए (DA Hike in Chhattisgarh) का तोहफा दे दिया.
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ने देर रात ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा 'कर्मचारियों के हित में आज हमने एक बड़ा फैसला लिया है. शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में पांच प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की घोषणा करता हूं. यह दर आज 1 मई से ही लागू होगी.'
कर्मचारियों के हित में आज हमने एक बड़ा फैसला लिया है।
शासकीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में पाँच प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की घोषणा करता हूँ।
यह दर आज 1 मई से ही लागू होगी।
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 1, 2022
इस बढ़ोतरी के बाद छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों का डीए बढ़कर 22 प्रतिशत हो गया है. पहले यहां पर 17 प्रतिशत डीए मिलता था. राज्य सरकार के तीन प्रतिशत कर्मचारियों को इसका फायदा होगा. आपको बता दें डीए में बढ़ोतरी के बाद अलग-अलग लेवल के कर्मचारियों की सैलरी में 2500 से 8000 रुपये तक बढ़कर आएंगे.
इससे पहले गुजरात सरकार ने भी अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के मौके पर 9.38 लाख कर्मचारियों को डीए बढ़ाने का तोहफा दिया. मार्च में केंद्र सरकार की तरफ से कर्मचारियों का डीए बढ़ाने का ऐलान किया गया था. इसके बाद वित्त मंत्रालय ने कर्मचारियों का डीए एरियर जनवरी से देने की बात कही थी.
महंगाई भत्ता सरकार की तरफ से रहन-सहन के स्तर को बेहतर बनाने के लिए दिया जाता है. इसे देने का मकसद यह है कि महंगाई बढ़ने के बावजूद भी कर्मचारियों को अपना खर्च चलाने में किसी तरह की दिक्कत न हो. केंद्र सरकार की तरफ से हर साल जनवरी और जुलाई में महंगाई भत्ता बढ़ाया जाता है.
महंगाई भत्ते (DA) की शुरुआत द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुई थी. उस समय इसे खाद्य महंगाई भत्ता कहा जाता था. देश में मुंबई से सबसे पहले 1972 में महंगाई भत्ते की शुरुआत हुई थी. इसके बाद केंद्र सरकार की तरफ से भी अपने कर्मचारियों को महंगाई भत्ता दिया जाने लगा.