Union Bank of India Share Price: वित्त वर्ष 2022-23 में बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) का मुनाफा बढ़कर 3,882 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2021-22 में यह 3,406 करोड़ रुपये था. बैंक 2023-24 के दौरान इक्विटी पूंजी के रूप में 4,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है.
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Bank of India Share Price: पब्लिक सेक्टर के बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) का मार्च तिमाही में मुनाफा 115 प्रतिशत बढ़कर 1,388.19 करोड़ रुपये हो गया. इस जबरदस्त ग्रोथ में अन्य आय का खास योगदान रहा. वित्त वर्ष 2022-23 में बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) का मुनाफा बढ़कर 3,882 करोड़ रुपये हो गया. वित्त वर्ष 2021-22 में यह 3,406 करोड़ रुपये था. बैंक 2023-24 के दौरान इक्विटी पूंजी के रूप में 4,500 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बना रहा है. इस कदम से बैंक में सरकार की हिस्सेदारी 75 प्रतिशत तक लाने में मदद मिलेगी.
ब्याज से होने वाली आय में 37 प्रतिशत की बढ़ोतरी
बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) की तरफ से बताया गया कि पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान उसकी मूल शुद्ध ब्याज आय 37 प्रतिशत बढ़कर 5,493 करोड़ रुपये हो गई. इस दौरान अग्रिमों में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. नेट इंटरेस्ट मार्जिन सालाना आधार पर 2.56 प्रतिशत से बढ़कर 3.15 प्रतिशत हो गया. मार्च तिमाही में बैंक की गैर-ब्याज आय सालाना आधार पर 1,587 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,099 करोड़ रुपये हो गई. सोमवार को बैंक के शेयर में तेजी आने की उम्मीद जताई जा रही है. शुक्रवार को बंद हुए कारोबारी सत्र में शेयर 86.50 रुपये पर बंद हुआ था.
यूनियन बैंक का मुनाफा 81 प्रतिशत बढ़ा
दूसरी तरफ यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (UBI) की तरफ से बताया गया कि पिछले वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में नेट प्रॉफिट 80.57 प्रतिशत बढ़कर 2,811 करोड़ रुपये हो गया. बैंक ने बताया कि बट्टे खाते में डाले गये लोन से वसूली में भारी बढ़ोतरी के कारण उसका मुनाफा बढ़ा. सरकारी बैंक ने बताया कि वित्त वर्ष 2022-23 में नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर 5,265 करोड़ रुपये से बढ़कर 8,512 करोड़ रुपये हो गया.
यूबीआई (UBI) का नेट प्रॉफिट सालाना आधार पर मार्च तिमाही में 21.88 प्रतिशत बढ़कर 8,251 करोड़ रुपये हो गया. इस दौरान अग्रिमों में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई और शुद्ध ब्याज मार्जिन बढ़कर 2.98 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में 2.75 प्रतिशत था. मार्च तिमाही में नॉन-इंटरेस्ट इनकम 62.48 प्रतिशत बढ़कर 5,269 करोड़ रुपये हो गई. ऐसा वसूली के मोर्चे पर शानदार प्रदर्शन के चलते हुआ. बट्टे खाते में डाले गए खातों से वसूली सालाना आधार पर 294 करोड़ रुपये से बढ़कर 2,954 करोड़ रुपये हो गई. (भाषा)