Budget Expectations: बजट 2023 से केमिकल इंडस्ट्री को है काफी उम्मीदें, वित्त मंत्री से की ये मांग
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Budget Expectations: बजट 2023 से केमिकल इंडस्ट्री को है काफी उम्मीदें, वित्त मंत्री से की ये मांग

Budget: जीएसटी की कई दरें हैं जो विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती हैं. केमिकल उत्पादों में 5%, 12% और 18% के इनपुट हैं और केमिकल इंडस्ट्री के लिए लागू आउटपुट दर आम तौर पर 18% है. जीएसटी में कम टैक्स देने से केमिकल सेक्टर के कारोबार में इजाफा हो सकता है. 

Budget Expectations: बजट 2023 से केमिकल इंडस्ट्री को है काफी उम्मीदें, वित्त मंत्री से की ये मांग

Budget 2023: संसद में 1 फरवरी 2023 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से बजट भाषण दिया जाएगा. बजट में वित्त मंत्री की ओर से कई ऐलान किए जाने की संभावना हैं. वहीं अलग-अलग सेक्टर को इस बार के केंद्रीय बजट 2023 से काफी उम्मीदें हैं. अलग-अलग सेक्टर अपने ग्रोथ और विकास के लिए सरकार से नए ऐलान की उम्मीदें लगाए हुए हैं. इस बीच केमिकल इंडस्ट्री भी भारत में विकास की राह देखने के लिए अग्रसर हो रही है. केमिकल इंडस्ट्री को भी बजट 2023 से काफी उम्मीदें हैं, ताकी आने वाले सालों में केमिकल सेक्टर में भी ग्रोथ देखी जा सके.

जीडीपी में अहम भूमिका
केमिकल सेक्टर से करीब 35 सालों से जुड़े केमइंडिया कनेक्ट के डायरेक्टर डॉ. कमल जैन सेठिया ने खास बातचीत में बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था में केमिकल सेक्टर का काफी योगदान है. साथ 2020 में भारतीय इकॉनोमी में केमिकल सेक्टर का 180 बिलियन डॉलर का महत्वपूर्ण योगदान है. यह उद्योग देश की जीडीपी का लगभग 3% है और निर्यात के जरिए होने वाली आय में भी प्रमुख योगदानकर्ता है.

कई चुनौतियां
केमिकल सेक्टर काफी डायवर्सिफाई है और फार्मास्यूटिकल्स, पेट्रोकेमिकल्स, डाई, डिटर्जेंट और उर्वरक सहित कई उत्पादों से जुड़ा है. हालांकि फिलहाल के दिनों में केमिकल सेक्टर को काफी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा है. कमल सेठिया के मुताबिक हाल के वर्षों में भारत में केमिकल सेक्टर को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, जिसमें अन्य देशों से बढ़ती प्रतिस्पर्धा, बढ़ती ऊर्जा लागत और नियामक मुद्दे शामिल हैं. केमिकल सेक्टर को फिलहाल रेगुलेशन, सुरक्षा और पर्यावरण संबंधी चिंताएं, प्रतिस्पर्धा, बढ़ती लागत और बौद्धिक संपदा आदि के कारण मुश्किलें उठानी पड़ रही है.

जीएसटी की दरें
कमल सेठिया ने जीएसटी को लेकर बताया कि जीएसटी की कई दरें हैं जो विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं पर लागू होती हैं. हमारे कुछ उत्पादों में 5%, 12% और 18% के इनपुट हैं और केमिकल इंडस्ट्री के लिए लागू आउटपुट दर आम तौर पर 18% है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से हमारा अनुरोध है कि उन्हें 12% की कम दरों पर समान बनाया जाए. जीएसटी में कम टैक्स देने से केमिकल सेक्टर के कारोबार में इजाफा हो सकता है. GST का भारत में केमिकल सेक्टर पर काफी प्रभाव पड़ा है. कुछ व्यवसायों को कम टैक्स रेट और अन्य रियायतों से लाभ हुआ है, जबकि अन्य को अतिरिक्त अनुपालन लागत और प्रशासनिक बोझ का सामना करना पड़ा है. सामान्य तौर पर जीएसटी ने अधिक सुसंगत और पारदर्शी कर प्रणाली बनाने में मदद की है, लेकिन केमिकल सेक्टर में मौजूद व्यवसायों के लिए कुछ चुनौतियां भी पेश की हैं.

केमिकल सेक्टर को बढ़ावा
साथ ही कमल सेठिया की मांग है कि बजट 2023 में सरकार की ओर से केमिकल सेक्टर को टैक्स इंसेंटिव्स देने चाहिए. इसमें कम दरें, रिसर्च एंड डवलपमेंट के लिए क्रेडिट आदि केमिकल सेक्टर में कारोबार करने वालों का समर्थन करने में मदद कर सकते हैं. साथ ही बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के जरिए इस सेक्टर में सुधार लाया जा सकता है. केमिकल सेक्टर में कौशल विकास कार्यक्रमों के जरिए भी इस सेक्टर का विकास हो सकता है. नियमों को सरल बनाने और लालफीताशाही को कम करने से भी व्यवसायों पर बोझ कम करने में मदद मिल सकती है.

डिजिटलाइज हुआ केमिकल सेक्टर
बजट 2023 के साथ ही कमल सेठिया ने बताया कि डिजिटल इंडिया अभियान से भी देश को प्रगति करने का काफी मौका मिला है. केमिकल सेक्टर भी अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया अभियान की तरफ कदम बढ़ा रही है. इसको लेकर केमइंडिया कनेक्ट भी काम कर रहा है. जैसे-जैसे कई उद्योग धंधे डिजिटल की तरफ ट्रांसफर हुए हैं तो वहीं अब केमइंडिया कनेक्ट के जरिए केमिकल इंडस्ट्री भी डिजिटल की तरफ ट्रांसफर हुई है. डिजिटल इंडिया भारत में केमिकल इंडस्ट्री को अधिक कुशल, उत्पादक और नवीन बनाने में मदद कर रहा है और इस क्षेत्र की वृद्धि और प्रतिस्पर्धा का समर्थन कर रहा है.

केमिकल इंडस्ट्री को मिलेगा बूस्ट
केमिकल इंडस्ट्री को बूस्ट देने के लिए उठाए जा रहे कदमों को लेकर कमल सेठिया ने बताया कि केमइंडिया कनेक्ट विशेष रूप से केमिकल सेक्टर के लिए भारत का पहला बी2बी ऑनलाइन पोर्टल है. अभी बाजार में कई ऑनलाइन पोर्टल उपलब्ध हैं, लेकिन उनमें से कोई भी विशेष केमिकल सेक्टर के लिए नहीं है. अब केमिकल सेक्टर के भी डिजिटलाइज हो जाने पर इसके अद्भुत परिणाम देखे जा सकते हैं. केमइंडिया कनेक्ट केमिकल इंडस्ट्री के सभी हितधारकों (क्रेता, विक्रेता, निर्माता, आयातक, निर्यातक, शोधकर्ता आदि) को एक प्लेटफॉर्म पर लाता है.

इंटरनेट से बढ़ेगी केमिकल सेक्टर की रीच
इंटरनेट के माध्यम से केमिकल इंडस्ट्री को बढ़ावा देने को लेकर कमल सेठिया ने कहा कि जिस तरह से इंटरनेट और AI सभी व्यक्तियों के जीवन में प्रवेश कर रहा है, उससे केमिकल इंडस्ट्री भी पीछे नहीं रह सकता है. कम से कम समय में और लगभग बिना किसी खर्च के अधिकतम लोगों तक पहुंचना इंटरनेट के माध्यम से ही संभव है. केमइंडिया कनेक्ट एकमात्र ऐसा प्लेटफॉर्म है जो सभी लोगों को सबसे अधिक लाभ पहुंचाने के लिए जोड़ेगा. मैन्युफैक्चरर्स को उनके सामान का मूल्य मिलेगा और उपभोक्ता को सही कीमत पर बढ़िया उत्पाद मिलेंगे. केमिकल इंडस्ट्री में वन स्टॉप सॉल्यूशन साबित होगा.

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