Office Canteen: प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों को बड़ी राहत, ऑफिस कैंटीन में खाना-पीना होगा सस्ता!
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Office Canteen: प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों को बड़ी राहत, ऑफिस कैंटीन में खाना-पीना होगा सस्ता!

GST: अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) की गुजरात पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि नियोक्ताओं को सब्सिडी युक्त भोजन के मूल्य पर कर्मचारियों से माल एवं सेवा कर काटने की जरूरत नहीं है.

Office Canteen: प्राइवेट कंपनी के कर्मचारियों को बड़ी राहत, ऑफिस कैंटीन में खाना-पीना होगा सस्ता!

GST on Subsidised Food: अगर किसी प्राइवेट कंपनी के ऑफिस में स्टाफ के लिए कैंटीन (Subsidised Canteen) चलाया जाता है तो सब्सिडी युक्त भोजन के मूल्य पर कर्मचारियों से माल एवं सेवा कर (GST) नहीं वसूला जाएगा. अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) की गुजरात पीठ ने यह फैसला देते हुए कहा कि नियोक्ताओं को सब्सिडी युक्त भोजन के मूल्य पर कर्मचारियों से माल एवं सेवा कर काटने की जरूरत नहीं है. इस फैसले के बाद प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए ऑफिस कैंटीन में खाना-पीना सस्ता हो सकता है.

जायडस लाइफसाइंसेज जीएसटी को लेकर किया था सवाल

जायडस लाइफसाइंसेज (Zydus Lifesciences) ने अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) की गुजरात पीठ में अर्जी देकर यह पूछा था कि क्या उसके उन कर्मचारियों के वेतन से काटी गई राशि पर जीएसटी लगेगा, जो कारखाने / कॉरपोरेट कार्यालय में भोजन की सुविधा लेते हैं. जायडस ने कैंटीन सेवाप्रदाता के साथ समझौता किया है. उसके तहत कंपनी अपने कर्मचारियों की तरफ से उनके भोजन के एवज में पूरी राशि देती है. इस व्यवस्था में पहले से तय राशि का एक हिस्सा कंपनी कर्मचारियों से लेती है, जबकि शेष राशि का वहन स्वयं करती है.

जीएसटी कानून के तहत यह नहीं है आपूर्ति: AAR

अथॉरिटी ऑफ एडवांस रूलिंग (AAR) ने कहा, 'आवेदनकर्ता सब्सिडी वाली राशि उन कर्मचारियों से लेता है, जो कारखाने/कॉरपोरेट ऑफिस में खाने की सुविधा का लाभ उठाते हैं. इसे जीएसटी कानून, 2017 के प्रावधान के तहत आपूर्ति नहीं माना जाएगा.' परामर्श समेत विभिन्न सेवाएं देने वाली कंपनी ईवाई के कर भागीदार सौरभ अग्रवाल ने कहा कि भोजन की लागत का जो हिस्सा कर्मचारियों के वेतन से काटा जाता है, वह जीएसटी कानून के तहत आपूर्ति नहीं माना जाएगा. आवेदनकर्ता भुगतान को पूरा करने के लिए केवल एक मध्यस्थ की भूमिका निभा रहा है और वास्तव में नियोक्ता तथा कर्मचारियों के बीच कोई आपूर्ति नहीं हुई.
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)

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