Unclaimed Amount in Banks: निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी (FSDC) ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में पड़ी बिना दावे वाली राशि संबंधित लोगों को दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाने की बात कही गई.
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FSDC Meeting: वित्तीय स्थिरता और विकास परिषद (FSDC) की तरफ से बैंकों में पड़ी बिना दावे वाली राशि को ग्राहकों को लौटाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) की अध्यक्षता वाली एफएसडीसी (FSDC) ने बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों में पड़ी बिना दावे वाली राशि संबंधित लोगों को दिलाने के लिए विशेष अभियान चलाने की बात कही. आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने एफएसडीसी बैठक (FSDC Meeting) में हुई चर्चा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि बैठक में यह बात हुई कि नियामकों को बैंकों में जमा बिना दावे वाले पैसे को संबंधित लोगों तक पहुंचाने के लिए विशेष अभियान चलाना चाहिए.
विशेष अभियान चलाना जरूरी बताया
इसके अलावा वित्तीय क्षेत्र में बिना दावे वाले शेयर, लाभांश, म्यूचुअल फंड, बीमा, आदि संबंधित व्यक्तियों या नॉमिनी तक पहुंचाने के लिये विशेष अभियान चलाने की जरूरत बतायी गयी. उन्होंने कहा, ‘इस बात पर गौर की गई कि केंद्रीय बजट में बिना दावे वाली जमा राशि, शेयर और लाभांश को संबंधित लोगों तक पहुंचाने के लिये संबंधित क्षेत्र के नियामकों को विशेष अभियान चलाने के बारे में घोषणा की गई थी. यह अभियान विशेषतया उन मामलों में चलाना चाहिए जहां खाते में नामित व्यक्ति का ब्योरा तो है लेकिन संबंधित व्यक्ति को इसकी जानकारी नहीं है.’
35000 करोड़ की राशि आरबीआई को ट्रांसफर की
सेठ ने कहा कि इस काम को तरीके से किया जाएगा. ऐसे मामलों में जहां नामित व्यक्ति की जानकारी नहीं है, वहां निर्धारित प्रक्रिया के तहत काम किया जाएगा. गौरतलब है कि पब्लिक सेक्टर के बैंकों ने फरवरी, 2023 तक बिना दावे वाली करीब 35,000 करोड़ रुपये की राशि रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की थी. यह राशि उन खातों में जमा थी जिनमें 10 साल या उससे अधिक समय से कोई लेन-देन नहीं हुआ. बिना दावे वाली राशि 10.24 करोड़ खाते से जुड़ी थी.
आरबीआई (RBI) ने पिछले महीने कहा था कि तीन-चार महीने में इससे संबंधित एक केंद्रीकृत पोर्टल तैयार किया जाएगा. इससे जमाकर्ता और लाभार्थी विभिन्न बैंकों में पड़ी बिना दावे वाली जमा राशि के बारे में जानकारी ले सकते हैं. एफएसडीसी की 27वीं बैठक में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास समेत सभी वित्तीय क्षेत्रों के नियामक शामिल हुए. यह 2023-24 का बजट पेश किये जाने के बाद एफएसडीसी (FSDC) की पहली बैठक थी. सेठ ने कहा बैठक में गौर किया गया कि वित्तीय स्थिरता को बनाए रखना एक जिम्मेदारी है और सभी सदस्य इस दिशा में काम करेंगे. (इनपुट : भाषा)
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