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नई दिल्ली: केंद्र सरकार आगामी बजट में कुछ चिकित्सा उपकरणों पर सीमा शुल्क में कटौती करने पर विचार कर सकती है.
सूत्रों ने सोमवार को कहा कि इस तरह के उत्पादों के घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहन के लिए सरकार यह कदम उठा सकती है. सूत्र ने कहा कि इससे सरकार की महत्वाकांक्षी ‘मेक इन इंडिया’ पहल को भी प्रोत्साहन मिलेगा.
उद्योग मंडल भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने अपने बजट पूर्व ज्ञापन में सरकार से पीडीएस प्लेट्स पर सीमा शुल्क को 10 से घटाकर 2.5 प्रतिशत करने की मांग की है. इसका इस्तेमाल नाक की सर्जरी में होता हैं
उद्योग मंडल ने इसके अलावा जोड़ों को बदलने वाले और रीढ़ की हड्डी के लिए इस्तेमाल होने वाले उपकरणों पर भी सीमा शुल्क घटाने का आग्रह किया है.
सीआईआई ने कहा कि पीडीएस प्लेट्स पर सीमा शुल्क घटाने से लागत कम होगी और इससे मरीजों को लाभ होगा.
सरकार ने हाल में विनिर्माण को प्रोत्साहन, निवेश आकर्षित करने और निर्यात बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा उपकरण संवर्द्धन परिषद (एनएमडीपीसी) का गठन किया है.
फार्मास्युटिकल क्षेत्र में भारत वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति काफी मजबूत कर चुका है लेकिन यह बात चिकित्सा उपकरण उद्योग के साथ लागू नहीं होती. फिलहाल चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में स्वत: मंजूर मार्ग से 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति है. सरकार एक फरवरी को बजट पेश करेगी.
(इनपुट भाषा से)