LIC IPO: सरकार की तरफ से एलआईसी का आईपीओ मई 2022 में लाया गया था. उस समय सरकार ने बीमा कंपनी की 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को 21000 करोड़ रुपये में बेका था. अब उम्मीद की जा रही है कि सरकार जल्द 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने पर ऐलान कर सकती है.
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LIC Share Price: सरकार की तरफ से एक बार फिर मौजूदा वित्तीय वर्ष 2025 में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी बेची जा सकती है. केंद्र सरकार की तरफ से साल 2022 में एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) लाया गया था. उस समय इस आईपीओ के जरिये 21000 करोड़ रुपये जुटाए गए थे. उस समय कंपनी में सरकार की तरफ से 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा गया था. अब जब सरकार के पास एलआईसी की 96.5 प्रतिशत हिस्सेदारी है तो एक बार फिर से 5 प्रतिशत हिस्सेदारी को बेचा जा सकता है. यह कदम सरकार की तरफ से न्यूनतम सार्वजनिक हिस्सेदारी (MPS) के नियम को पूरा करने के लिए उठाया जाएगा.
FPO और QIP लाने पर विचार कर रही सरकार
हिंदू बिजनेसलाइन में प्रकाशित खबर में सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि सरकार कंपनी में अपनी हिस्सेदारी को कम करने के लिए एफपीओ (FPO) और क्यूआईपी (QIP) लाने पर विचार कर रही है. भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा LIC का IPO पूरी तरह से सरकार की तरफ से 22,13,74,920 इक्विटी शेयर (प्रत्येक 10 रुपये के) की बिक्री पर बेस्ड था. इन शेयरों को 949 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बेचा गया था, यह कंपनी की पेड-अप कैपिटल का 3.5% था.
छोटे-छोटे हिस्सों में बेचकर ज्यादा पैसा जुटाने की कोशिश
सूत्रों ने बताया कि एलआईसी (LIC) में 96.5% हिस्सेदारी रखने वाली सरकार अपनी हिस्सेदारी का एक छोटा सा हिस्सा बेचने के लिए फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) और क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशंस प्लेसमेंट (QIP) जैसे ऑप्शन पर विचार कर रही है. मौजूदा शेयर कीमत को देखते हुए इससे IPO के मुकाबले ज्यादा मूल्यांकन मिल सकता है. सरकार अपनी हिस्सेदारी को छोटे-छोटे हिस्सों में बेचकर ज्यादा से ज्यादा पैसा जुटाने की कोशिश करेगी.
क्या है सेबी का नियम?
सेबी के नियम के अनुसार हर लिस्टेड कंपनी की कम से कम 25 प्रतिशत हिस्सेदारी पब्लिक के पास होना जरूरी है. सरकार की तरफ से एलआईसी को इस शर्त को पूरा करने के लिए 10 साल की छूट दी गई है. इस छूट की कैलकुलेशन आईपीओ आने के समय से की जाएगी. मई 2022 में एलआईसी का आईपीओ आया था, इसलिए एलआईसी को 25 प्रतिशत हिस्सेदारी का काम मई 2032 तक करना होगा.
तीन साल का एक्सट्रा टाइम दिया गया
सेबी की तरफ से हाल ही में 14 मई को एलआईसी को 10 प्रतिशत पब्लिक शेयरहोल्डिंग की शर्त पूरा करने के लिए तीन साल का एक्सट्रा टाइम दिया गया था. यानी कंपनी को लिस्टिंग डेट से पांच साल के अंदर मई 2027 तक यह काम पूरा करना होगा. वित्त वर्ष 2024 के अंत तक एलआईसी का प्रीमियम और पॉलिसी के आधार पर मार्केट शेयर क्रमशः 58.87% और 69.91% थी.
एलआईसी के शेयर को 17 मई, 2022 से स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट किया गया था. एक दिन पहले मंगलवार को एलआईसी का शेयर 1,079.20 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ था. यह पिछले बंद भाव 1,106.80 रुपये की तुलना में 2.49% की गिरावट है. शेयर का 52 हफ्ते का रिकॉर्ड हाई लेवल 1,221.50 रुपये और लो लेवल 597.65 रुपये है.
शेयर का हाल
एलआईसी में 5 प्रतिशत की और हिस्सेदारी बेचने के प्लान की खबर आने के बाद शेयर में तेजी देखी जा रही है. पहले दिन के 1079.20 रुपये पर बंद होने के मुकाबले मंगलवार सुबह शेयर 1116.55 रुपये पर खुला. कारोबारी सत्र के दौरान शेयर 1121.85 रुपये के हाई लेवल तक गया. लेकिन बाद में यह लुढ़ककर 1114.85 रुपये पर कारोबार करते देखा गया.