क्‍या पीएम मोदी की तरह कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं इमरान खान? रात को दिया PAK जनता को कड़ा संदेश
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क्‍या पीएम मोदी की तरह कोई बड़ा फैसला लेने वाले हैं इमरान खान? रात को दिया PAK जनता को कड़ा संदेश

इमरान खान ने पाकिस्तान के लोगों से 30 जून तक बेनामी संपत्ति खुलासा करने की अपील की है.

एक डॉलर की कीमत 150 पाकिस्तानी रुपये पर पहुंच गई है. (फाइल)

नई दिल्ली: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था बहुत बुरे दौर से गुजर रही है. एक डॉलर की कीमत 150 पाकिस्तानी रुपये पर पहुंच गई है. महंगाई चरम पर है. प्रधानमंत्री इमरान खान के सामने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सबसे बड़ी चुनौती है. 30 मई की रात 10 बज इमरान खान ने अपनी पार्टी PTI (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) के ऑफिशियल ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो के जरिए वे पाकिस्तान के लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे इनकम टैक्स भरें और बेनामी संपत्ति का खुलासा करें. इस वीडियो को देखने के बाद लग रहा है कि इमरान खान भी प्रधानमंत्री मोदी की तरह कालेधन के खिलाफ नोटबंदी जैसा फैसला ले सकते हैं.

2 मिनट 7 सेकेंड के इस वीडियो में इमरान खान कह रहे हैं कि पाकिस्तान की आबादी 22 करोड़ है और केवल 1 फीसदी लोग टैक्स भरते हैं. किसी देश के लिए यह मुमकिन नहीं है कि जनता टैक्स नहीं भरे और सरकार देश को आगे ले जाने में कामयाब हो जाए. उन्होंने देशवासियों से अपील की है कि वे 30 जून से पहले तक अपनी बेनामी संपत्ति का खुलासा कर दें और टैक्स भरें. साथ में उन्होंने यह भी कहा कि जांच एजेंसियों के पास बेनामी संपत्ति को लेकर पूरी रिपोर्ट है कि किसके पास कितनी और कहां-कहां कालाधन छिपा हुआ है.

हालांकि, उन्होंने नोटबंदी जैसे किसी फैसले को लेकर कुछ नहीं कहा है. लेकिन, आपको याद होगा पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 को जब नोटबंदी का फैसला लिया था, उससे पहले उन्होंने देश के लोगों से लगातार अपील की थी कि वे कालेधन का खुलासा कर दें और टैक्स भर दें. इसको लेकर स्पेशल स्कीम भी चलाई गई थी.

इमरान खान भी जिस तरह 30 जून से पहले पाकिस्तान के लोगों से कालेधन का खुलासा करने के लिए अपील कर रहे हैं, उससे इस बात की संभावना है कि वे भी कोई कड़े फैसले लें. आपको बता दें, पाकिस्तान में 500, 1000 के नोट के अलावा 5000 रुपये के नोट भी चलते हैं. 

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जब प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का फैसला लिया था उस समय देश में 500 और 1000 के नोट को रातोंरात बंद कर दिया गया था. हालांकि, बाद में 2000 के नोट भी लाए गए. आर्थिक जानकारों का मानना है कि नोट का वैल्यू जितना होगा, कालेधन की गुंजाइश उतनी ज्यादा होती है.

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