World Bank के Human Capital Index में भारत को मिला 116वां स्थान
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World Bank के Human Capital Index में भारत को मिला 116वां स्थान

विश्व बैंक (World Bank) के वार्षिक मानव पूंजी सूचकांक (Human Capital Index) की ताजा रैंकिंग में भारत को 174 देशों की सूची में 116वां स्थान मिला है.

फाइल फोटो

वाशिंगटन: विश्व बैंक (World Bank) के वार्षिक मानव पूंजी सूचकांक (Human Capital Index) की ताजा रैंकिंग में भारत को 174 देशों की सूची में 116वां स्थान मिला है. पिछले साल भारत को 157 देशों की सूची में 115वां स्थान मिला था. यह सूचकांक देशों में मानव पूंजी (Human Capital) के प्रमुख घटकों का मूल्यांकन करता है.

  1. भारत को 174 देशों की सूची में 116वां स्थान
  2. भारत का स्कोर 0.44 से बढ़कर 0.49 हो गया 
  3.  प्रगति को महामारी ने जोखिम में डाल दिया

विश्व बैंक द्वारा बुधवार को जारी मानव पूंजी सूचकांक रिपोर्ट के अनुसार भारत का स्कोर 2018 में 0.44 से बढ़कर 2020 में 0.49 हो गया है. मानव पूंजी सूचकांक 2020 में 174 देशों के स्वास्थ्य और शिक्षा संबंधी आंकड़ों को शामिल किया गया. ये आंकड़े मार्च 2020 तक के हैं, जिसके बाद दुनिया भर में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus) का प्रकोप तेजी से बढ़ा था.

गरीब देशों ने की प्रगति
विश्लेषण से पता चलता है कि महामारी से पहले अधिकांश देशों ने बच्चों की मानव पूंजी के निर्माण में लगातार प्रगति की और खासतौर से निम्न आय वाले देशों में ऐसा देखने को मिला. हालांकि, इस प्रगति के बावजूद एक औसत देश में शिक्षा और स्वास्थ्य मानकों के सापेक्ष कोई बच्चा अपनी संभावित मानव विकास क्षमता का केवल 56 प्रतिशत ही हासिल करने की उम्मीद कर सकता है.

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महामारी से आया जोखिम
विश्व बैंक के समूह अध्यक्ष डेविड मालपास ने कहा, ‘मानव पूंजी के निर्माण में दशक की प्रगति को महामारी ने जोखिम में डाल दिया है, जिसमें स्वास्थ्य, जीवन प्रत्याशा, स्कूल में नामांकन और कुपोषण में कमी शामिल है. महामारी का आर्थिक प्रकोप विशेष रूप से महिलाओं और सबसे वंचित परिवारों के लिए बहुत अधिक रहा है, जिसके चलते कई परिवार खाद्य असुरक्षा और गरीबी के शिकार है.’

पिछले साल भारत ने उठाए थे महत्वपूर्ण सवाल
रिपोर्ट के मुताबिक लोगों की रक्षा करना और उसके लिए निवेश करना महत्वपूर्ण है क्योंकि देश एक टिकाऊ और समावेशी विकास की नींव रख रहे हैं. पिछले साल भारत ने मानव पूंजी सूचकांक को लेकर गंभीर सवाल उठाए थे, जिसमें 157 देशों में भारत को 115वां स्थान दिया गया था. इस साल भारत 174 देशों में 116वें स्थान पर है.

पिछले साल भारत की आपत्तियों के बारे में पूछने पर मानव विकास के लिए विश्व बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री रॉबर्टा गैटी ने संवाददाताओं को बताया कि उनकी टीम ने देशों के साथ मिलकर आंकड़ों की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का काम किया है, ताकि यह सभी के लिए बेहतर सूचकांक बन सके. उन्होंने कहा कि सूचकांक को बेहतर बनाने के लिए कुछ देशों के साथ सीधे मिलकर काम किया गया है और भारत उनमें से एक है.

विश्व बैंक समूह में मानव विकास की उपाध्यक्ष ममता मूर्ति ने कहा कि मानव पूंजी सूचकांक एक आधार देता है, जिसके जरिए भारत सरकार मानव पूंजी को प्राथमिकता और समर्थन दे सकती है.

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