भारत ने निकाली चीन के टायरों की हवा, इंपोर्ट पर लगाई पाबंदी
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भारत ने निकाली चीन के टायरों की हवा, इंपोर्ट पर लगाई पाबंदी

भारत में इंपोर्ट होने वाले रबर टायरों पर सरकार ने कड़ी पाबंदी लगा दी है. 

फाइल फोटो

नई दिल्लीः भारत ने चीन के टायरों की हवा निकाल दी है. भारत में इंपोर्ट होने वाले रबर टायरों पर सरकार ने कड़ी पाबंदी लगा दी है. इससे 20 देशों से भारत में आने वाले टायर पर असर पड़ेगा जिनमें थाईलैंड और चाइना से आने वाले टायर भी शामिल हैं. पाबंदी के तहत इंपोर्टर के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा, इसके बिना टायर ला नहीं पाएंगे.

  1. रबर टायरों पर सरकार ने कड़ी पाबंदी लगा दी है
  2.  20 देशों से भारत में आने वाले टायर पर असर पड़ेगा
  3. इंपोर्टर के लिए लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा

इन टायरों पर लगाई पाबंदी
जिन टायरों पर पाबंदी लगी है उनमें मोटरकार, रेसिंग कार, कार, बस, मोटरसाइकिल और साइकिल शामिल है. हालांकि इसमें ट्रक के टायर शामिल नहीं है. टायर मार्केट एक्सपर्ट विपिन कुमार कहते हैं "चाइना के पास ऐसे कौन से रिसोर्सेस है जो इंडिया के पास नहीं है. हम चाहते हैं कि इंडिया के पास भी वही फैसेलिटीज होनी चाहिए, ताकि प्रोडक्ट तो उनका आए लेकिन बिके नहीं. इतनी कैपेबिलिटी हमारे में होनी चाहिए. यह जो मोदी जी ने फैसला लिया है इससे हमारी इंडस्ट्री को टाइम मिलेगा कंपीट करने के लिए, बेहतर बनाने के लिए ,चाइना से बेहतर बनाने के लिए. अभी तो यह होता है कोई भी आदमी इंपोर्टर बनता है. लाया मार्केट में फेंक दिया, ज्यादा टेंशन नहीं है, पर अब लाइसेंस पॉलिसी लागू हो गई तो रेस्ट्रिक्टेड होगा, कम आना शुरू होगा तो हो सकता है वह भी वही प्राइस पर पहुंचेे जहां इंडियन प्राइज है तो ज्यादा बेहतर होगा. 

उन्‍होंने कहा कि चीन से फर्स्ट हैंड टायर आते हैं. चीन अपनी स्पीड से दौड़ेगा वह रुकने वाला नहीं, इतनी बड़ी महामारी में वह नहीं रुका छोटी-मोटी चीजों से वह नहीं रुकेगा. ठीक है इंडिया आज की डेट में सबसे बड़ा मार्केट है, चाइना को इकोनॉमी में झटका तो लगेगा इससे क्योंकि इंडिया बड़ा मार्केट है और वह कहीं ना कहीं कुछ ना कुछ तो उपाय निकालेगा, इतना प्रोडक्शन कहां लेकर जाएगा. "

क्या चीन समझौते की टेबल पर आएगा?
विपिन कुमार ने कहा कि "हंड्रेड परसेंट आना चाहिए,  जब इकोनॉमी में असर पड़ेगा तो समझौते पर तो आएगा. अभी तो वह ऊपर ही ऊपर घूम रहा है. कहीं तो लाकर बात बातचीत की जा सके तो, एक में डाउन होगा तो करेगा. उसकी सेल कम हो जाएगी, प्रोडक्शन ज्यादा है, तो चाइना पर बहुत बुरा असर पड़ेगा वह कहां जाएगा ये लेकर. चाइना ने इतनी मार्केट कैप्चर कर ली है कि इंडियन कंपनी के लिए स्पेस कम हो रहा है, लाइसेंस शुरू होने से देसी कंपनियों पर असर पड़ेगा कि उनको टाइम मिल जाएगा कॉम्पिटिटिव बनने का और प्राइस के लिहाज से या क्वालिटी के लिहाज से वह और बेहतर कर पाएंगे."

वहीं कारोबारी जसविंदर सिंह कहते हैं कि इंडियन कंपनियों के लिए बहुत अच्छा प्लस पाइंट है कि हमको थोड़ा बेनिफिट मिलेगा और हमारा जो प्रोडक्ट है जो हमारा माल था. सप्लाई और डिमांड की हम बात करें तो वह मैच नहीं करता था. प्रोडक्शन बहुत ज्यादा था कंजंप्शन कम है. वह इसलिए कम थी क्योंकि चीनी शेयर आ रहा था. अब बेनिफिट मिलेगा सप्लाई और डिमांड का जो गैप है वो मैच होगा. 

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उन्‍होंने कहा कि मैं समझता हूं कि इंडियन कंपनियों को बहुत बड़ा बेनिफिट मिलेगा. ग्राहकों को भी फायदा होगा क्योंकि इंडियन टायर की क्वालिटी चीन से ज्यादा अच्छी है. चाइना का प्रोडक्ट सस्ता है पर क्वालिटी मैच नहीं करता. इंडियन इंडस्ट्री को बूस्ट अप करने के लिए बहुत अच्छा है. ग्राहकों के लिहाज से भी अच्‍छा है. सरकार को थोड़ा बहुत नुकसान है क्योंकि कस्टम ड्यूटी वगैरह मिलती वो नहीं मिलेगी. इससे बड़ा रेवेन्यू आता है, इससे थोड़ा नुकसान होगा लेकिन इंडियन कंपनी को बूस्ट करने के लिए जो सरकार कर रही, वह बहुत अच्छी बात है. इससे मेक इन इंडिया होता है, इकोनॉमी को फायदा होगा. एक्सपर्ट का ये भी मानना है कि वो चाइनीज कंपनियां जो थाईलैंड या वियतनाम के रास्ते अपने टायर भारत भेजती थीं उनको भी नुकसान होगा.

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