सोशल मीडिया पर एक वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि रेलवे का निजीकरण होगा और साथ ही मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएं समाप्त कर दी जाएंगी.
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नई दिल्लीः सोशल मीडिया पर काफी दिनों से एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया दा रहा है कि अब भारतीय रेलवे (Indian Railways) का पूरी तरह से निजीकरण किया जाएगा. इस पोस्ट से लोगों के बीच खलबली मच गई है कि कहीं आने वाले वक्त में ट्रेनों का किराया भी आसमान न छूने लगे. ये मैसेज ट्विटर से लेकर वॉट्सऐप पर भी काफी लोगों के बीच शेयर किया जा रहा है. हालांकि अभी तक इस मामले को लेकर न ही सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई और न ही रेल मंत्री ने रेलवे के निजीकरण होने को लेकर कोई टिप्पणी की है.
PIB ने कहा दावा फर्जी
वायरल पोस्ट में दावा किया जा रहा है कि 'भारतीय रेलवे (Indian Railways) का पूरी तरह से निजीकरण किया जाएगा और साथ ही मासिक पास और वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएं समाप्त कर दी जाएंगी.' पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने इसे महज एक अफवाह बताया है और कहा कि रेलवे का कोई निजीकरण नहीं होना जा रहा है. PIB Fact Check ने अपने आधिकारिक ट्विटर पर लिखा, #PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो में दावा किया जा रहा है कि भारतीय रेल का पूरी तरह से निजीकरण किया जायेगा और साथ ही मासिक पास तथा वरिष्ठ नागरिकों को मिलने वाली छूट, जैसी सुविधाएँ समाप्त कर दी जाएंगी।#PIBFactCheck: यह दावा फर्जी है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। pic.twitter.com/rC79pwmSqN
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 11, 2020
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पीयूष गोयल ने कहा, रेलवे जनता की है और हमेशा रहेगी
गौरतलब है कि इससे पहले भी पिछले दिनों केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भी बयान में कहा था कि रेलवे का निजीकरण नहीं किया जाएगा. भारतीय रेल जनता की है और जनता की रहेगी. उन्होंने अलवर जिले के डिगावडा में बांदीकुई तक 34 किलोमीटर के रेल ट्रैक का विद्युतीकरण का उद्घाटन के दौरान यह बात कही थी. उन्होंने कहा था कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं किया जाएगा. इतने सालों से जो रेल का विकास होना चाहिए वह अभी तक नहीं हुआ है इसलिए भारतीय रेल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत भागीदारी की जा रही है.