Stock Market: ईरान-इजरायल संकट के बीच धड़ाम हुआ भारत का शेयर मार्केट, जानिए लेटेस्ट अपडेट
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Stock Market: ईरान-इजरायल संकट के बीच धड़ाम हुआ भारत का शेयर मार्केट, जानिए लेटेस्ट अपडेट

Share Mrket: मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीज जारी जंग के बीच आज भारतीय स्टॉक मार्केट पर सबकी निगाहें होंगी. मंगलवार रात को ईरान की ओर से इजरायल पर मिसाइल दागे जाने के बाद से क्रूड ऑयल के दाम में तेजी देखी जा रही है.

 

Stock Market: ईरान-इजरायल संकट के बीच धड़ाम हुआ भारत का शेयर मार्केट, जानिए लेटेस्ट अपडेट

Stock Market: मिडिल ईस्ट में ईरान और इजरायल के बीज जारी जंग के बीच आज भारतीय स्टॉक मार्केट पर सबकी निगाहें होंगी. मंगलवार रात को ईरान की ओर से इजरायल पर मिसाइल दागे जाने के बाद से क्रूड ऑयल के दाम में तेजी देखी जा रही है.

पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष के बीच गुरुवार को शुरुआती कारोबार में शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दर्ज की गई. बीएसई सेंसेक्स शुरुआती कारोबार में 1,264.2 अंक गिरकर 83,002.09 अंक पर आ गया. एनएसई निफ्टी 345.3 अंक फिसलकर 25,451.60 अंक पर रहा. 

सेंसेक्स में सूचीबद्ध 30 कंपनियों में से टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, लार्सन एंड टूब्रो, एक्सिस बैंक, महिंद्रा एंड महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज, मारुति, कोटक महिंद्रा बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक के शेयरों में सबसे अधिक गिरावट आई. जेएसडब्ल्यू स्टील, टाटा स्टील, सन फार्मा और एनटीपीसी के शेयर लाभ में रहे. 

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

ईरान के इजरायल पर मिसाइल से हमले के बाद मध्यपूर्व में तनाव बढ़ गया है. इस कारण से महत्वपूर्ण समुद्री मार्ग पर भारतीय कंपनियों को व्यापार में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि ईरान-इजरायल के बीच संघर्ष के चलते कंपनियों को उच्च माल ढुलाई लागत का सामना करन पड़ सकता है, क्योंकि लेबनान में मौजूद ईरान समर्थित हिजबुल्लाह मिलिशिया के यमन में मौजूदा हूती विद्रोहियों के साथ गहरे संबंध हैं, जो कि लाल सागर में ज्यादातर जहाजों पर हमला करने के लिए जिम्मेदार है.

लाल सागर क्राइसिस अक्टूबर से

उन्होंने आगे कहा कि इजरायल और ईरान के बीच सीधा संघर्ष भारतीय निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग लाल सागर को गंभीर रूप से बाधित कर सकता है. लाल सागर क्राइसिस पिछले साल अक्टूबर में शुरू हुई थी, जब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों की ओर से इलाके में व्यापार को बाधित करना शुरू किया गया था.

इसका भारत के पेट्रोलियम निर्यात पर काफी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है. अगस्त 2024 में पेट्रोलियम निर्यात सालाना आधार पर 37.56 प्रतिशत गिरकर 5.96 अरब डॉलर रहा, जो कि पिछले साल समान अवधि में 9.54 अरब डॉलर था.

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