ITR: टैक्सपेयर्स की तरफ से सोशल मीडिया पर पोर्टल से जुड़ी कई परेशानियों के बारे में बताया गया है. इसमें पोर्टल में गड़बड़ी की वजह से फॉर्म 26AS/AIS/TIS तक पहुंचने में दिक्कत होना और TIS व AIS आंकड़ों में अंतर होना भी शामिल है.
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ITR Filing: अगर आपने अभी तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है तो यह खबर आपके लिये है. जी हां, हर बार की तरह इस बार भी इनकम टैक्स रिटर्न (ITR Filing) करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई है. इस साल बहुत से टैक्सपेयर्स को ई-फाइलिंग पोर्टल में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यही कारण है कि पोर्टल में आ रही समस्याओं से जुड़ी काफी शिकायतें सोशल मीडिया पर भी मिल रही हैं. लगातार इस तरह की परेशानियां आने के चलते कई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन (CA Associations) ने भी आयकर विभाग को लेटर लिखकर टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स को ई-फाइलिंग आईटीआर पोर्टल में आ रही परेशानी के बारे में बताया है. आइए जानते हैं टैक्सपेयर्स को किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?
क्या है टैक्स से जुड़ा ग्लिच?
टैक्सपेयर्स की तरफ से सोशल मीडिया पर पोर्टल से जुड़ी कई परेशानियों के बारे में बताया गया है. इसमें पोर्टल में गड़बड़ी की वजह से फॉर्म 26AS/AIS/TIS तक पहुंचने में दिक्कत होना और TIS व AIS आंकड़ों में अंतर होना भी शामिल है. इसके अलावा, ज्वाइंट इनकम दोनों संयुक्त खाताधारकों के अकाउंट में दिखाई दे रही है. ऐसे में टैक्सपेयर्स की तरफ से समय से नोटिफिकेशन जारी किये जाने के बाद भी जांच से जुड़े नोटिस जारी किये जा रहे हैं.
TDS के आंकड़े फॉर्म 26AS से मेल नहीं खाते
इसके अलावा AIS/TIS पोर्टल में जवाब देने के लिए बहुत कम विकल्प हैं, यही कारण है कि हर स्थिति को सही तरीके से नहीं बताया जा सकता. कई टैक्सपेयर्स का कहना है कि TIS में उनके जवाबों में किए गए बदलाव जल्दी दिखाई नहीं देते हैं, जिससे परेशानी होती है. लगातार बफरिंग और दूसरी तकनीकी समस्याओं के कारण टैक्सपेयर्स फॉर्म जमा नहीं कर पा रहे हैं. कई बार ITR में पहले से भरे हुए डाटा जैसे सैलरी, ब्याज से इनकम और TDS के आंकड़े फॉर्म 26AS से मेल नहीं खाते हैं.
रिटर्न जमा करने में देरी हो रही
जिन टैक्सपेयर्स की बिजनेस इनकम है उन्हें शेड्यूल OS में डिविडेंड इनकम सही तरीके से दिखाने में परेशानी हो रही है, क्योंकि मौजूदा सिस्टम में पहले डिविडेंड इनकम को बिजनेस इनकम में दिखाना होता है और फिर उसे घटाना होता है. इससे प्रक्रिया जटिल हो गई है. जब टैक्सदाता अपना रिटर्न भरने की कोशिश करते हैं तो अक्सर एरर मैसेज आता है, इससे रिटर्न जमा करने में देरी हो रही है. कुछ मामलों में ऑथेंटिकेशन के लिए जरूरी ओटीपी (OTP) समय पर नहीं मिल रहा है या बिल्कुल नहीं मिल रहा. इस कारण रिटर्न वेरिफाई और जमा करने में परेशानी हो रही है. इसके अलावा, कुछ टैक्सपेयर्स फाइल किए गए आईटीआर की रसीद डाउनलोड नहीं कर पा रहे हैं जो उनकी कंप्लायंस की पुष्टि के लिए जरूरी है.
क्या 31 जुलाई से आगे बढ़ेगी आखिरी तारीख?
आयकर रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से आगे बढ़ाने पर इनकम टैक्स विभाग ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. अभी इससे जुड़ा किसी तरह का अपडेट नहीं है कि क्या विभाग की तरफ से आईटीआर फाइल करने की तारीख को आगे बए़ाया जाएगा या नहीं. लेकिन लोगों यह चिंता है कि ई-फाइलिंग में आ रही परेशानी की वजह से तारीख को आगे बढ़ाया जा सकता है. इन सब दिक्कतों के बीच बहुत से टैक्सपेयर्स ने आईटीआर फाइल करने का प्रोसेस शुरू कर दिया है.
सीबीडीटी की तरफ से जारी किये गए आंकड़े के अनुसार 14 जुलाई, 2024 तक 2.7 करोड़ से ज्यादा आईटीआर फाइल किये जा चुके हैं. पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले इस बार 13% ज्यादा आईटीआर फाइल हुए हैं. 13 जुलाई को एक दिन में 13 लाख से ज्यादा आईटीआर दाखिल किए गए. आखिरी तारीख नजदीक आने के साथ अब नंबर बढ़ रहे हैं. इस साल 1 करोड़ आईटीआर भरने का टारगेट 23 जून, 2024 को पूरा हो गया था और 2 करोड़ का टारगेट 7 जुलाई, 2024 को पूरा हो गया था. हर बार के मुकाबले यह टारगेट पहले ही पूरा हो गया.